Assam

कांग्रेस ने कभी जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कहा था : भाजपा

भाजपा लोगो

गुवाहाटी, 04 सितम्बर (Udaipur Kiran) । असम भाजपा के प्रवक्ता डॉ. देबजीत महंत ने गुरुवार को कहा कि 3 सितम्बर को हुई 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में दोहरे ढांचे वाले जीएसटी सुधार को मंजूरी मिलना “ऐतिहासिक और युगांतकारी” फैसला है। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था के तहत पहले 12 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आने वाली अधिकतर वस्तुएं अब 5 प्रतिशत टैक्स स्लैब में आ जाएंगी, जिससे आम लोगों की जेब में अतिरिक्त पैसा बचेगा और उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी।

डॉ. महंत ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए याद दिलाया कि 1 जुलाई, 2017 से लागू जीएसटी के जरिए 17 प्रकार के अप्रत्यक्ष करों जैसे वैट, केंद्रीय बिक्री कर, एक्साइज, मनोरंजन कर, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स आदि को एक कर ढांचे में समाहित किया गया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहकर मजाक उड़ाया था, लेकिन आज गैर-भाजपा शासित राज्य भी इस सुधार का स्वागत कर रहे हैं।

जीएसटी के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए महंत ने कांग्रेस पर निशाना साधा कि साहस की कमी के कारण वह इसे लागू नहीं कर सकी। उन्होंने बताया कि 1986 में राजीव गांधी सरकार के समय तत्कालीन वित्त मंत्री वीपी सिंह ने सबसे पहले संसद में इस विषय को उठाया था, परंतु वर्षों चर्चा के बाद भी कांग्रेस इसे लागू नहीं कर पाई। अंततः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 2017 में 101वें संविधान संशोधन के जरिए जीएसटी लागू किया।

महंत ने कहा कि नए जीएसटी सुधार के तहत सोफा-सेट, टूथपेस्ट, साबुन, मक्खन, घी, चीज, नमकीन, बच्चों के नैपकिन जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स 18 और 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर लगने वाला 18 प्रतिशत जीएसटी पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। शिक्षा से जुड़ी किताबों, कागज, पेंसिल आदि पर लगने वाला 12 प्रतिशत टैक्स भी हटा दिया गया है।

किसानों को भी बड़ी राहत दी गई है। ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों पर लगने वाला 28, 18 और 12 प्रतिशत जीएसटी घटाकर अब केवल 5 प्रतिशत कर दिया गया है। आम आदमी के लिए दोपहिया, तिपहिया और 1200 सीसी तक की छोटी कारों पर टैक्स भी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सरकार ‘बहुजन सुखाय, बहुजन हिताय’ के दर्शन से प्रेरित होकर हमेशा जनकल्याण के लिए कार्य करती रही है। नया दो-स्लैब जीएसटी सुधार इसी दर्शन का ऐतिहासिक परिणाम है।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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