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कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर की थी लोकतंत्र की हत्या : हर्ष मल्होत्रा

पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष महाजन।

धर्मशाला, 26 जून (Udaipur Kiran) । केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष महाजन ने कहा कि 25 जून 1975 की आधी रात को तकालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने’ आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या की थी। यह निर्णय किसी युद्ध या विद्रोह के कारण नहीं, बल्कि अपने चुनाव को रद्द किए जाने और सत्ता बचाने की हताशा में लिया गया था।

केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने यह बात वीरवार को धर्मशाला में पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि यह फैसला किसी राष्ट्रीय आपदा या युद्ध के कारण नहीं लिया गया। इसके पीछे चुनाव में मिली कानूनी चुनौती और सत्ता बचाने की चिंता थी। आपातकाल के दौरान न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका को नियंत्रित कर लिया गया। उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रेस की स्वतंत्रता समाप्त कर दी गई। बड़े अखबारों की बिजली काटी गई। सेंसरशिप लगाई गई। सैकड़ों पत्रकारों को जेल में डाला गया। मल्होत्रा ने संजय गांधी पर भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि संजय गांधी ने बिना किसी पद के सत्ता का दुरुपयोग किया। देश में जबरन नसबंदी अभियान चलाया गया। एक साल में 60 लाख से अधिक लोगों की नसबंदी कराई गई। इनमें 16 से 70 साल तक के लोग शामिल थे।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि आपातकाल की जांच के लिए बनाए गए शाह आयोग ने 6 अगस्त 1978 को अपनी रिपोर्ट दी। इसमें कहा गया कि आपातकाल का कोई संवैधानिक आधार नहीं था। 1980 में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने इस रिपोर्ट को नष्ट करवा दिया।

उन्होंने कहा कि एडीएम जबलपुर बनाम शिवकांत शुक्ला मामले में कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अगर आपातकाल के दौरान किसी नागरिक को गोली भी मार दी जाए, तब भी उसे अदालत में जाने का हक नहीं है। जस्टिस एच.आर. खन्ना ने अकेले सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया, लेकिन उन्हें मुख्य न्यायाधीश बनने से वंचित कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज संविधान की दुहाई देती है, लेकिन वही कांग्रेस कभी प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को भंग कर प्रेस की आवाज को कुचल चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज भी कांग्रेस डिजिटल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाने वालों को संरक्षण देती है और वैचारिक विरोधियों पर मुकदमे दर्ज करवाती है।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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