जम्मू, 20 जून (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केंद्र शासित प्रदेश में नायब तहसीलदार और अन्य पदों की भर्तियों में सभी मान्यता प्राप्त आधिकारिक भाषाओं को समान रूप से महत्व देने की मांग की है। हाल ही में 75 नायब तहसीलदार पदों की भर्ती में केवल उर्दू भाषा को अनिवार्य अर्हता के रूप में रखने को लेकर उठे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने इसे चयन प्रक्रिया में भेदभाव करार दिया। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस का स्पष्ट मत है कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में सभी आधिकारिक भाषाओं जैसे हिंदी, अंग्रेज़ी, डोगरी, कश्मीरी आदि को समान अधिकार मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि जब राजस्व अभिलेख अंग्रेज़ी और हिंदी में अनुवादित हो रहे हैं, तब केवल उर्दू को अनिवार्य करना अन्य भाषाओं के साथ अन्याय है।
शर्मा ने कहा कि 2010 में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार के दौरान भी ऐसा मामला सामने आया था, जब रमन भल्ला राजस्व मंत्री थे। उस समय भी उर्दू को अनिवार्य अर्हता से छूट देकर चयनित उम्मीदवारों को नौकरी से पहले उर्दू प्रशिक्षण और परीक्षा पास करने का अवसर दिया गया था। इससे न्याय हुआ और सभी उम्मीदवार नौकरी में शामिल हुए। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि इस त्रुटि को शीघ्र ठीक करते हुए एक आवश्यक अधिसूचना जारी की जाए ताकि उम्मीदवारों के साथ कोई अन्याय न हो। शर्मा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि 2019 में केंद्र शासन के दौरान भी इसी तरह का अन्याय हुआ, जब नायब तहसीलदार भर्ती में जम्मू के उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचा। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि भाजपा अच्छी मिसालों के बावजूद उम्मीदवारों को न्याय दिलाने में विफल रही।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
