
जबलपुर, 27 जून (Udaipur Kiran) । शहर में डीईओ रहे घनश्याम सोनी का ट्रांसफर मदरसा बोर्ड में हो गया है इसके बाद भी वह पिछले कई दिनों से वहीं जमे हुए हैं उन्होंने अभी तक मदरसा बोर्ड में आमद नहीं दी है। जिसको लेकर कांग्रेस ने अभियान छेड़ रखा है। जिला कांग्रेस का कहना है कि जब अधिकारी का ट्रांसफर हो चुका है तो वह यहां से रिलीव् क्यों नहीं हो रहे। कांग्रेस में एक गंभीर आरोप लगाया है की जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी विवादों में हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें लोकायुक्त में लंबित हैं। अब इन आरोपों पर विभागीय जांच शुरु की गई है। यदि वे जबलपुर में रहते हैं तो उनके खिलाफ हो रही जांच को वह प्रभावित कर सकते हैं एवं जांच की प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से आगे नहीं बढ़ सकती।
कांग्रेस का कहना है कि यदि वे पद ग्रहण कर लेते हैं, तो उनका शिक्षा विभाग पर प्रभाव पूरी तरह समाप्त हो जाएगा और लोकायुक्त जांच प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से आगे बढ़ सकेगी। भोपाल स्थित लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा दिनांक 20 मई 2025 को जारी आदेश में कहा गया है कि शिकायत क्रमांक 263/ए/22-23 के अंतर्गत घनश्याम सोनी से पहले आरोपों पर 21 दिन में प्रतिवाद मांगा गया था, जो ‘असंतोषजनक’ पाया गया। इसके बाद, नियम 14 के तहत औपचारिक विभागीय जांच संस्थित की गई है।
इस जांच में पीएसएम कॉलेज के प्राचार्य सहदेव सिंह मरावी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है जिनका मूल पद अपर संचालक है। यह संभवतः पहली बार है कि किसी जिले के डीईओ के खिलाफ जांच की जिम्मेदारी उसी जिले में स्थित पीएसएम के प्राचार्य को सौंपी गई है, जो मूलतः अपर संचालक के पद पर पदस्थ हैं। वहीं कांग्रेस ने साफ तौर पर जिला प्रशासन को अल्टीमेटम दे दिया है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा ने ऐलान किया है कि अगर घनश्याम सोनी को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त नहीं किया गया, तो 27 जून, शुक्रवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पर कांग्रेस द्वारा घेराव किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक
