– पंजाब में बाढ़ प्रभावित लोगों को 15 अक्टूबर से बांटी जाएगी मुआवजा राशि
चंडीगढ़, 29 सितंबर (Udaipur Kiran News) । पंजाब में बाढ़ के मुद्दे पर बुलाए गए विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के अंतिम दिन सोमवार को केंद्र सरकार के विरूद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। आज सदन में पंजाब के लिए बाढ़ राहत पैकेज मंजूर न करने को लेकर केंद्र की आलोचना की गई। कई बार मांग के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मीटिंग का टाइम न मिलने को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय की निंदा की गई।
कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने सदन में कहा कि जब प्रधानमंत्री ने पंजाब दौरे पर 1600 करोड़ का ऐलान किया, तो मैंने खड़े होकर बोला कि ये कम है। इस पर मोदी ने कहा कि हिंदी नहीं आती। उन्होंने कहा कि हम भेड़-बकरियों और मुर्गी का भी मुआवजा देंगे। इससे पहले मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि बाढ़ में हमारे मंत्री काम करते रहे, मगर जब कोरोना आया, तो कांग्रेस के मंत्री ने घर के बाहर लिखकर लगा दिया था कि वह पब्लिक मीटिंग नहीं करेंगे।
पंजाब सरकार ने 1600 करोड़ रुपये के पैकेज को खारिज करते हुए 20 हजार करोड़ का पैकेज मांगा। यह भी कहा कि केंद्र के समय पर फंड न देने से राहत और पुनर्वास कार्य प्रभावित हुए हैं। इस प्रस्ताव की कॉपी प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्रालय को तुरंत कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में ऐलान किया कि वह मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए जाएंगे।
सोमवार को सदन में वित्त मंत्री हरपाल चीमा और नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा खनन के मुद्दे पर आपस में भिड़ गए। दो दिन चली कार्यवाही के समापन पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐलान किया कि 20 अक्टूबर को दिवाली देखते हुए 15 अक्टूबर से ही बाढ़ प्रभावित लोगों को फसलों, पशुओं और अन्य नुकसान के मुआवजे के चेक देने शुरू कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसको लेकर वे कल गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलेंगे।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
