Jammu & Kashmir

जम्मू-कश्मीर में शिक्षकों पर टीईटी अनिवार्यता से पैदा हुई चिंता: विलक्षण सिंह

जम्मू, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (भीम) के अध्यक्ष विलक्षण सिंह ने हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गहरी चिंता व्यक्त की है, जिसमें सभी सेवाधीन शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य कर दिया गया है। सिंह ने कहा कि यह निर्णय देशभर में शिक्षा के उच्च मानक सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है, लेकिन इससे जम्मू-कश्मीर के शिक्षकों में भारी असमंजस और भय का माहौल बन गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में राइट टू एजुकेशन एक्ट (आरटीई) और शिक्षक पात्रता संबंधी नियम 31 अक्टूबर 2019 से ही लागू हुए हैं। ऐसे में 2019 से पहले नियुक्त शिक्षकों को वही छूट मिलनी चाहिए, जो देशभर में 3 सितम्बर 2001 से पहले नियुक्त शिक्षकों को मिली हुई है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जम्मू-कश्मीर की इस विशिष्ट परिस्थिति का जिक्र नहीं है, जिससे हजारों शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया है। अब यह स्पष्ट नहीं है कि क्या 2019 से पहले नियुक्त शिक्षकों को अपनी नौकरी बचाने के लिए भी टीईटी पास करना अनिवार्य होगा। विलक्षण सिंह ने केंद्रशासित प्रदेश की सरकार से अपील की कि वह तत्काल सुप्रीम कोर्ट से इस विषय पर स्पष्ट दिशा-निर्देश मांगे, ताकि पूर्व नियुक्त शिक्षकों के अधिकारों और आजीविका की रक्षा हो सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मुद्दे का समाधान जल्द नहीं हुआ तो यह प्रदेश की शैक्षणिक प्रगति पर नकारात्मक असर डालेगा। पैंथर्स पार्टी ने शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प दोहराया और सरकार से इस महत्वपूर्ण मसले पर तुरंत कदम उठाने की मांग की।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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