Uttar Pradesh

अखण्ड भारत की संकल्पना हमारी सांस्कृतिक विरासत : डॉ. राम मनोहर

अखण्ड भारत

-ज्वाला देवी में मनाया गया अखण्ड भारत दिवसप्रयागराज, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज सिविल लाइन्स में आज राष्ट्र की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक एकता के प्रतीक ’’अखण्ड भारत दिवस’’ का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि विद्या भारती पूर्वी उ.प्र. के क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री डॉ. राम मनोहर ने कहा कि ’’अखण्ड भारत’’ की अवधारणा केवल भौगोलिक विस्तार की नहीं, बल्कि यह सांस्कृतिक एकता, आध्यात्मिक बंधन और साझा विरासत का प्रतीक है।

मुख्य अतिथि ने कहा कि यह दिवस हमारे गौरवशाली इतिहास की उस अवधारणा को पुनः स्मरण कराता है, जिसमें सम्पूर्ण भारतवर्ष एक सांस्कृतिक सूत्र में पिरोया हुआ था। सिंधु से लेकर समुद्र तक और तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक, एक ही सांस्कृतिक धारा, एक ही परम्परा और एक ही राष्ट्रीय आत्मा का प्रवाह था। उन्होने बताया कि वैदिक काल से लेकर मौर्य, गुप्त और मुगल काल तक, और फिर स्वतंत्रता संग्राम तक भारत ने विविध भाषाओं, परम्पराओं, धर्मों और संस्कृतियों के बावजूद एकता का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। विभाजन के बाद भले ही राजनीतिक सीमाएं बदल गई हों, किंतु हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जड़ें आज भी एक हैं।

विद्यालय के प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर ने कहा कि अखण्ड भारत केवल एक सपना नहीं है, बल्कि यह हमारे आत्मबल, स्वाभिमान और सांस्कृतिक गौरव का आधार है। हमें अपने समाज में परस्पर सम्मान, भाईचारे और एकता की भावना को प्रबल बनाना होगा। ताकि आने वाली पीढ़ियां हमारी साझा धरोहर पर गर्व कर सकें। उन्होंने बताया कि अखण्ड भारत दिवस मनाने का उद्देश्य केवल अतीत का गौरव गान करना नहीं है, बल्कि वर्तमान और भविष्य में भी उस एकता के भाव को जीवित रखना है।

कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों को यह ’’राष्ट्रीय संकल्प’’ दिलाया गया। ’“हम भारत की अखण्डता, एकता और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए जीवन पर्यन्त प्रयासरत रहेंगे और समाज में प्रेम, सद्भाव और भाईचारे का संदेश फैलाएंगे।”’

(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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