
खरगोन, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के खरगोन जिले की ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार की शिकायतें लगातार जनसुनवाई में पहुंच रही है। मंगलवार को जिले के विभिन्न गांवों से पहुंचे शिकायतकर्ताओं में अधिकतर ग्रामीण पंचायतों के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायकों की कार्यशैली को लेकर ही पहुंचे। पंचायत में सर्वाधिक गड़बड़ी के आरोप विकास कार्यों, पीएम आवास सहित अन्य हितग्राहीमूलक योजनाओं में लगाए है।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे झिरन्या जनपद की ग्राम पंचायत मेंडागढ़ के बद्री पाच्या, दिनेश रुपसिंग, विनोद प्यारसिंग, नवल मालसिंग आदि ग्रामीणों ने मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों में फर्जी मस्टर रोल के जरिये शासकिय राशि के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की। इसके अलावा पीएम आवास स्वीकृति पर 10 से 15 हजार रुपए की रिश् वत मांगे जाने, खरंजा, नाली, तालाब निर्माण सहित अन्य हितग्राहीमूलक योजनाओं में भी शासकिय राशि की बंदरबांट करने एवं रिश्वत मांगें जाने के आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
ढाबला के ग्रामीणों ने भी बिंदूवार उजागर की मनमानी
ग्राम पंचायत ढाबला के ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में 9 बिंदूओं पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए मनमानी, अनियमिता एवं शासकिय राशि के दुरुपयोग के आरोप लगाए है। प्यारसिंग, जितेन, जालू, अशोक आदि ने बताया कि जोगडिय़ा फाल्या, हनुमान फाल्या में पेयजल पाईप लाईन के लिए 4 लाख 63 हजार रुपए की राशि का आहरण किया गया, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नही हुआ है। ढपाबला में मरम्मत कार्य, चोंगडिया फाल्या में कागजों पर कार्य पुर्ण बताकर लाखों रुपए की राशि का आहरण किया गया, लेकिन मौके पर ऐसा कोई काम नही हुआ है। इसके अलावा अन्य कार्यों में भी इसी तरह मनमानी और शासकिय राशि की बंदरबांट की गई है, जो निष्पक्ष जांच करने पर उजागर होगी। ग्रामीणों ने मांग की है कि उच्च स्तरीय जांच कराई जाकर गड़बड़ी सामने आने पर दोषियों के खिलाऊ सख्त कार्रवाई की जाए।
… इधर इगरिया में पीएम आवास की मजदूरी के फर्जी आरण का लगाया आरोप
भीकनगांव तहसील के ग्राम इगरिया के ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पीएम आवास स्वीकृति पर बतौर मेहनताना मिलने वाली राशि का फर्जी तरीके से आहरण किया गया है, जिसकी जांच की जाकर मजदूरी की राशि हितग्राही को दिलाई जाए।
शिकायत लेकर पहुंचे जशोदा गणेश, आशीष जगदीश, अतुल लखन, सुभद्रा जयराम, डुमा कांजी, रविंद्र मोहन आदि ने बताया कि हम अशिक्षित है। हमारी मनरेगा मजदूरी की राशि को पंचायतकर्मी ने हमारे खाते में न डालते हुए अन्य खाते में डालकर आहरण कर लिया है। प्रत्येक हितग्राही को 4 हजार रुपए मिलना थे, जो हमें नही मिले है। ऐसे सात हिग्राही अपनी मजदूरी पाने के लिए पंचायत के चक्कर काट रहे है। जानकारी जुटाने पर मनरेगा पोर्टल पर हमारे नाम से जारी राशि अन्य खाते से निकाले जाने की जानकारी मिलने पर शिकायत करने पहुंचे।
(Udaipur Kiran) / चन्द्र शेखर कर्मा
