
– झाबुआ में तीन दिवसीय सामुदायिक मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ
इंदौर, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के प्रशासनिक न्यायाधिपति न्यायमूर्ति विवेक रुसिया ने कहा कि सामुदायिक मध्यस्थता प्रारंभिक स्तर पर ही विवादों को समाप्त कराकर स्वस्थ समाज के निर्माण की कुंजी है। विवाद मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में सामुदायिक मध्यस्थता वैकल्पिक विवाद समाधान का एक प्रभावी माध्यम है।
न्यायमूर्ति विवेक रुसिया रविवार को मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में आयोजित तीन दिवसीय सामुदायिक मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने इंदौर में सामुदायिक मध्यस्थता के क्रियान्वयन का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए सामुदायिक मध्यस्थता को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई।
कार्यक्रम में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्ष विधि सक्सेना ने कहा कि सामुदायिक मध्यस्थता एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है जिसमें एक प्रशिक्षित, तटस्थ मध्यस्थ समुदाय के भीतर लोगों के बीच मतभेदों और विवादों को सुलझाने में मदद करता है। यह एक सुरक्षित और तटस्थ वातावरण प्रदान करता है, जहाँ पक्षकार अपने विवादों पर चर्चा कर अकसर अदालती कार्यवाही और उससे जुड़े खर्चों से बचते हुए पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान ढूंढ सकते हैं।
कार्यक्रम में कलेक्टर नेहा मीणा ने झाबुआ में सामुदायिक मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए, सामुदायिक मध्यस्थता केंद्र संचालन हेतु हर संभव प्रशासनिक सहयोग का आश्वासन दिया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त प्रधान जिला न्यायाधीश एवं मास्टर ट्रेनर डॉ. मोहम्मद शमीम, पुलिस अधीक्षक शिवदयाल सिंह गुर्जर, विशेष न्यायाधीश विवेक सिंह रघुवंशी, जिला न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार शर्मा, सुभाष सुनहरे, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नितिन कुमार मुजाल्दे, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शिव कुमार डाबर समेत अन्य न्यायाधीश, अधिवक्तागण, अस्सिटेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल विश्वास शाह, जिला न्यायालय व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल रुपेश शर्मा ने तथा आभार प्रदर्शन सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिव कुमार डाबर ने किया। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना गायन व जनजाति कलाकारों द्वारा लोकनृत्य की प्रस्तुति भी दी गई। आगामी 28 अक्टूबर तक आयोजित सामुदायिक मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर डॉ मोहम्मद शमीम व प्रधान जिला न्यायाधीश विधि सक्सेना द्वारा झाबुआ जिले के छह जनपद के 48 प्रतिभागियों को सामुदायिक मध्यस्थता के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।
(Udaipur Kiran) तोमर