HEADLINES

केरल में निजी बसों की हड़ताल का व्यापक असर, परिवहन मंत्री का उचित मांगों पर विचार करने का आश्वासन

तिरुवनंतपुरम, 8 जुलाई (Udaipur Kiran) । केरल में मंगलवार को यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसा इसलिए क्योंकि पूरे राज्य में निजी बस संचालकों ने हड़ताल का आह्वान किया और लगभग 8000 बसें सड़कों से दूर रहीं। बस मालिकों के संघों की संयुक्त समिति द्वारा घोषित यह हड़ताल परिवहन आयुक्त के साथ वार्ता विफल होने के बाद की गयी। बस संचालकों ने मांगे पूरी नहीं होने पर 22 जुलाई से सेवा अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की चेतावनी दी है।

एक दिवसीय हड़ताल की वजह से पूरे राज्य में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। खासकर दूरदराज के इलाकों में, जहां निजी बसें परिवहन के प्राथमिक साधन के रूप में काम करती हैं। बस हड़ताल ने दक्षिणी क्षेत्रों की तुलना में मध्य और उत्तरी केरल को अधिक प्रभावित किया। एर्नाकुलम, कोट्टायम और कोझीकोड में बस अड्डों पर भारी संख्या में यात्री फंसे नजर आए।

बस हड़ताल का असर अस्पताल जाने वाले मरीजों, रेलवे स्टेशनों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे परिवारों और दफ्तर पहुंचने की कोशिश कर रहे लोगों पर विशेष रूप से पड़ा। राज्य के विभिन्न हिस्सों से ऑटोरिक्शा और टैक्सी चालकों द्वारा अत्यधिक किराया वसूलने की शिकायतें मिलीं। शहरी क्षेत्रों में भी बस हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। हालांकि, तिरुवनंतपुरम शहर में निजी बसें निर्धारित समय पर चलतीं नजर आईं। यहां बस परमिट पर केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) का एकाधिकार है। जिले में निजी बस सेवा परमिट की संख्या 200 से कुछ कम है।

ऑपरेटरों की क्या मांगें हैं?

दरअसल, बस संचालक कई तरह की मांगें उठा रहे हैं, जिनमें परमिट का समय पर नवीनीकरण, छात्रों के लिए रियायती किराए में बढ़ोतरी और कर्मचारियों के लिए अनिवार्य पुलिस क्लीयरेंस प्रमाणपत्र वापस लेना शामिल है। बस संचालक ई-चालान प्रणाली के माध्यम से जारी किए जा रहे भारी जुर्माने का भी कड़ा विरोध कर रहे हैं। उन्होंने बसों के लिए अनिवार्य किए गए महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को वापस लेने की भी मांग की है। बस संचालक राज्य भर में खराब हो रही सड़कों की तत्काल मरम्मत करने और जुर्माने के नियमों को आसान बनाने की मांग भी कर रहे हैं।

बस संचालकों ने क्या कहा?

निजी बस संघ समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार 140 किलोमीटर से अधिक चलने वाली निजी बसों के परमिट का नवीनीकरण नहीं कर रही है। इसके कारण कई लोगों की नौकरी चली गई है। उनका कहना है कि छात्रों के किराए में समय रहते बढ़ोतरी की जाए। रियायत कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को सुचारू बनाया जाए। बस मालिकों से अत्यधिक जुर्माना वसूलने की प्रथा बंद की जाए। मालिकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालने वाली अवैज्ञानिक प्रथा को वापस लिया जाए।

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी

बस संचालकों ने मांगे पूरी नहीं हेने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि अगर सार्थक बातचीत फिर से शुरू नहीं होती है और एक सप्ताह के भीतर ठोस समाधान नहीं निकलता, तो 22 जुलाई से निजी बस सेवा अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दी जाएगी।

परिवहन मंत्री का उचित मांगों पर विचार करने का आश्वासन

राज्य के परिवहन मंत्री के. बी. गणेश कुमार ने यह साफ कर दिया कि निजी बस संचालकों की कई मांगें नहीं मानी जा सकतीं। बस कर्मचारियों की आपराधिक पृष्ठभूमि न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस निकासी प्रणाली खत्म किया जाना चाहिए, जिसे सरकार की ओर से स्वीकार नहीं किया जाएगा। स्पीड गवर्नर हटाने की मांग को स्वीकार नहीं किया जा सकता। चर्चा करने के बाद ही छात्रों का टिकट किराया भी बढ़ाया जा सकेगा। हालांकि, मंत्री ने उचित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन भी दिया है।——

(Udaipur Kiran) / उदय कुमार सिंह

Most Popular

To Top