Haryana

सिरसा: सीडीएलयू में स्थापित होगा कॉमन इन्क्यूबेशन सेंटर

सीडीएलयू का मुख्य गेट (फाइल फोटो)।

सिरसा, 27 जून (Udaipur Kiran) । चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा को एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव कमेटी ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण योजना के अंतर्गत लगभग 3 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले विश्वविद्यालय में कॉमन इन्क्यूबेशन सेंटर (सीआईसी) की स्थापना की सिफारिश की गई है। यह सिरसा जिले में सरकार द्वारा स्थापित होने वाला अपनी तरह का पहला केंद्र होगा, जो स्थानीय विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

सीडीएलयू के कुलपति प्रोफेसर विजय कुमार ने शुक्रवार को बताया कि यह कॉमन इन्क्यूबेशन सेंटर न केवल युवाओं और महिलाओं को रोजगार व स्वरोजगार के अवसर प्रदान करेगा, बल्कि किसानों की आय में वृद्धि, स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण खाद्य उपलब्धता, स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग व विपणन को भी प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि सेंटर के माध्यम से शिक्षा के वास्तविक उद्देश्य की पूर्ति होगी और आउटरीच प्रोग्राम्स को बढ़ावा मिलेगा व पूरे सिरसा जिले को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस सेंटर की स्थापना हेतु 3.28 करोड़ की वित्तीय सहायता की सिफारिश प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव कमेटी द्वारा की गई है, जिसकी पुष्टि मंत्रालय द्वारा ईमेल के माध्यम से की गई है। कुलपति ने इस उपलब्धि के लिए इस परियोजना की प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. मंजू नेहरा को बधाई दी।

सीडीएलयू के खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मंजू नेहरा, जो इस परियोजना की निदेशक भी हैं, ने बताया कि इस सेंटर के मेंटर संस्थान के रूप में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, लुधियाना को नामित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कुमार की दूरदर्शी सोच और प्रेरणादायक नेतृत्व का परिणाम है।

यह सेंटर न केवल उत्पादन व प्रशिक्षण के लिए बल्कि गुणवत्ता नियंत्रण, खाद्य परीक्षण और उद्यमिता विकास के लिए एक सम्पूर्ण प्लेटफ़ॉर्म होगा। इसमें तीन अत्याधुनिक खाद्य प्रसंस्करण लाइनों के साथ एक अत्याधुनिक फूड टेस्टिंग लैब भी स्थापित की जाएगी। डॉ. नेहरा ने बताया कि केंद्र के प्रमुख उद्देश्य डेयरी, बेकरी और फल-सब्ज़ी प्रसंस्करण में आधुनिक तकनीकों पर हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त डेयरी के अतिरिक्त यह सेंटर अनाज, दालें, मोटे अनाज, और छोटा-अनाज जैसे बाजरा, चना, कोदो, क्विनोआ, अमरंथ, बकव्हीट इत्यादि के साथ-साथ आँवला, बेर, किन्नू जैसे स्थानीय फलों से रेडी-टू-ईट व रेडी-टू-सर्व उत्पाद तैयार करेगा, जिससे पोषण में विविधता आएगी और किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त होगा।

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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma

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