
देहरादून, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । गोर्खाली महिला हरितालिका तीज उत्सव मेले में रविवार को गोरखा संस्कृति की सप्तरंगी छटा देखने काे मिली। पारंपरिक परिधान में महिलाओं ने लोकगीतों पर जमकर नृत्य किए।
रविवार को गोर्खाली महिला हरितालिका तीज उत्सव समिति ने गढ़ी कैंट स्थित गढ़ी कैंट स्थित महिंद्रा में एक मेले का आयोजन किया गया। लाल परिधानों में सजीं महिलाओं की सहभागिता से पूरा मैदान उत्सवमय हो गया। गोर्खाली टोलियों ने लोकनृत्य और पारंपरिक गीतों की शानदार प्रस्तुतियां दीं, वहीं नेपाल से आए लोकगायक-लोकगायिका अस्मा बन्जाड़े और मधु परियार ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुतियों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि प्रथम महिला गुरमीत कौर ने सभी को तीज पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हरितालिका तीज केवल एक पारंपरिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह महिला सशक्तीकरण, परिवार की एकता और सामुदायिक सहयोग का प्रतीक है। उन्होंने इस पर्व को हमारी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने वाला और महिलाओं में आत्मविश्वास एवं रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने वाला बताया। गुरमीत कौर ने कहा कि गोर्खाली महिला समिति की ओर से पिछले 16 वर्षों से इस महोत्सव का आयोजन परंपराओं को जीवित रखने और विभिन्न समुदायों को एक मंच पर जोड़ने का सराहनीय प्रयास है।
नारी सशक्तिकरण पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि माताएं और बहनें परिवार और समाज की रीढ़ हैं। उनके योगदान को केवल घर तक सीमित न रखकर सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी समान अवसर और सम्मान मिलना चाहिए।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
