Chhattisgarh

मसानडबरा में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना का कलेक्टर ने किया निरीक्षण

मसानडबरा का निरीक्षण करते हुए कलेक्टर अबिनाश मिश्रा।

धमतरी, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । विशेष पिछड़ी जनजाति कमार समुदाय के लिए प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना अंतर्गत धमतरी जिले के मसानडबरा में निर्मित हो रहे आवासीय परिसर का 20 अगस्त को कलेक्टर अबिनाश मिश्रा एवं जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरुण सार्वा ने निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य एवं केंद्र सरकार की मंशा है कि कमार जैसे वंचित समुदायों को सुरक्षित, सम्मानजनक और सुविधायुक्त आवास उपलब्ध कराए जाएं।

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर मिश्रा ने भूमि समतलीकरण, सीसी रोड, पेयजल, फेंसिंग, गार्डन और सोलर लाइटिंग जैसी मूलभूत सुविधाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गार्डन का स्वरूप स्थानीय संस्कृति एवं बच्चों की सुविधा के अनुरूप होना चाहिए, जिससे समुदाय को सुखद वातावरण मिल सके। इस अवसर पर एसडीएम प्रीति दुर्गम, सीईओ जनपद पंचायत नगरी रोहित बोरझा के अलावा अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

कलेक्टर ने कमार समुदाय की आजीविका गतिविधियों की भी जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यहां के लोगों को पारंपरिक कौशल के साथ-साथ स्वरोजगार, बागवानी, पशुपालन एवं लघु वनोपज प्रसंस्करण जैसी गतिविधियों से जोड़ा जाए। इसके लिए प्रशिक्षण शिविर और सहकारी समितियों के माध्यम से आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है। सामाजिक जागरूकता की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए मिश्रा ने कहा कि समुदाय को नशे से दूर रखने तथा स्वच्छता बनाए रखने के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जाएं। ग्रामवासियों में स्वास्थ्य, स्वच्छता और शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभागीय समन्वय आवश्यक है।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि योजना अंतर्गत निर्मित प्रत्येक आवास परिवारों के लिए सुरक्षित, टिकाऊ और सभी सुविधाओं से परिपूर्ण होना चाहिए, ताकि लाभार्थियों का जीवनस्तर बेहतर हो सके। इस मौके पर संबंधित विभागों के अधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

कमार समुदाय आधारभूत सुविधाओं का लाभ लेने में अब पीछे नहीं शासन की योजनाओं से विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों की न सिर्फ जीवनचर्या में सकारात्मक बदलाव आ रहा है, अपितु वे अपने पारम्परिक मूल्यों को संरक्षित रखने के साथ शासन की योजनाओं का लाभ लेकर समाज की मुख्यधारा से भी जुड़ रहे हैं। मनुष्य की मौलिक आवश्यकताएं रोटी, कपड़ा और मकान जैसी सुविधाएं अब उनसे दूर नहीं हैं। अपने बच्चों को बचपन से ही तीर-कमान से शिकार करना, मधुमक्खी के बर्रे से शहद निकालना और स्कूल के बजाय वनोत्पादों का संग्रहण करना सिखाने वाले कमार अब उन्हें रोजाना स्कूल भेज रहे हैं। यहां तक कि गांव के दो शिक्षित कमार युवक शासकीय नौकरी में सेवारत हैं। पक्के मकान से निवास का स्थायी जरिया मिलने के साथ-साथ राशन, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी अन्य आधारभूत सेवाओं का लाभ लेने में भी अब वे किसी से कमतर नहीं हैं। वास्तव में यह शासन के प्रयासों से सकारात्मक परिवर्तन की बयार है, जिसके आने वाले दिनों में और भी सुखद परिणाम आएंगे।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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