
–बीमारियों के चलते 80 वर्षीया महिला का दाखिल राजीनामा केस में नहीं हो रहा था सत्यापित
प्रयागराज, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने पारित एक आदेश में कहा कि न्यायालय को यह उत्तरदायित्व निभाना चाहिए कि वह स्वयं साक्ष्य एकत्र करने की दिशा में जरूरी कदम उठाए, जिससे किसी प्रकार का अन्याय न हो। हाईकोर्ट ने यह आदेश तब पारित किया जब बीमारियों से पीड़ित एक 80 वर्षीया महिला द्वारा केस में दाखिल राजीनामा कोर्ट में उसके न आने के चलते सत्यापित नहीं हो पा रहा था।
जस्टिस शेखर कुमार यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन झांसी को आदेश दिया कि वह इस आशय का एक अनुरोध पत्र मध्य प्रदेश होशंगाबाद क्षेत्र के क्षेत्राधिकार प्राप्त न्यायिक मजिस्ट्रेट को भेजकर अनुरोध करें कि वह एक सप्ताह के भीतर पक्षकार जया पुरोहित का कथित राजीनामा सत्यापित कर अगली नियत तिथि से पूर्व इस न्यायालय में प्रेषित करें।
हाईकोर्ट ने यह आदेश राधा कृष्ण शर्मा की तरफ से दायर द्वितीय अपील पर पारित किया है। हाईकोर्ट के पूर्व पारित आदेश के क्रम में सिविल जज झांसी, दिव्या चौधरी ने आख्या प्रस्तुत कर कहा कि काफी प्रयास के बावजूद, वाद में पक्षकार जया पुरोहित का राजीनामा सत्यापित नहीं हो पा रहा है। कोर्ट की नोटिस तामील होने के बाद भी न तो वह स्वयं अथवा वकील के मार्फत उपस्थित हुईं।
अपीलार्थी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि जया पुरोहित एक 80 वर्ष की वृद्ध महिला हैं। वह की बीमारियों से पीड़ित हैं। जिस कारण वह कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पा रही हैं और उनके द्वारा प्रस्तुत राजीनामा सत्यापित नहीं हो पा रहा है। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया तथा कहा कि कोर्ट को खुद साक्ष्य एकत्र करने की दिशा में जरूरी कदम उठाने चाहिए, जिससे अन्याय से बचा जा सके। हाईकोर्ट अब इस केस की सुनवाई 28 जुलाई को करेगी।—————
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
