
जयपुर, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राज्य में दो से 15 अक्टूबर तक चल रहे ‘सहकार सदस्यता अभियान’ के अंतर्गत भूमिविहीन सहकारी समितियों को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। अभियान के दौरान गोदाम निर्माण के लिए भूमि का चिह्नीकरण कर आवंटन की कार्यवाही प्रमुख गतिविधि के रूप में संचालित की जा रही है। बड़ी संख्या में समितियों ने अब तक भूमि चिह्नीकरण कर भूमि आवंटन के लिए आवेदन प्रस्तुत किए हैं, जिससे राज्य में भण्डारण क्षमता बढ़ाने की दिशा में ठोस प्रगति हो रही है।
प्रदेश में वर्तमान में 1,975 प्राथमिक कृषि साख समितियां (पैक्स) और 42 केन्द्रीय सहकारी बैंक समितियां ऐसी हैं जो या तो भूमिविहीन हैं या जिनके पास गोदाम निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध नहीं है। अभियान के तहत अब तक 1,145 पैक्स और 22 केवीएसएस द्वारा भूमि चिह्नीकरण की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है, जबकि 1,112 पैक्स और 26 केवीएसएस ने भूमि आवंटन के लिए आवेदन कर दिया है। राज्य सरकार द्वारा इन आवेदनों की प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाया जा रहा है। राज्य सरकार की पहल से भूमिविहीन समितियों को भूमि आवंटन मिलने के बाद गोदाम निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। इससे न केवल राज्य की भण्डारण क्षमता में वृद्धि होगी बल्कि सहकारी संस्थाएं भी आत्मनिर्भर बनेंगी। चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक एक लाख 61 हजार 500 मीट्रिक टन अतिरिक्त भण्डारण क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
विश्व की वृहद् अन्न भण्डारण योजना के तहत देशभर में भण्डारण क्षमता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इस दिशा में राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है जो गोदाम निर्माण के लिए शत-प्रतिशत अनुदान दे रहा है। राज्य सरकार की इस नीति के परिणामस्वरूप सहकारी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर गोदामों का निर्माण हो रहा है। प्रदेश में व्यापक स्तर पर भण्डारण क्षमता विकसित होने से किसानों को अपनी उपज को गांव या क्षेत्र के नजदीक ही सुरक्षित रखने की सुविधा मिलेगी। इससे न केवल अन्न की बर्बादी रुकेगी, बल्कि किसानों को अपनी फसल कम दामों पर बेचने की मजबूरी से मुक्ति भी मिलेगी। साथ ही, अनाज की ढुलाई पर आने वाली लागत घटेगी और गोदामों को किराये पर देने से सहकारी समितियों की आय में वृद्धि होगी, जिससे वे आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त बनेंगी।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
