
इस्लामाबाद, 12 अगस्त (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) याह्या अफरीदी ने आज अपदस्थ प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान की नौ मई 2023 के आठ मामलों में जमानत याचिकाओं पर लाहौर उच्च न्यायालय की कुछ टिप्पणियों पर सवाल उठाए। मुख्य न्यायाधीश अफरीदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने आज जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की। पीठ में न्यायमूर्ति मोहम्मद शफी सिद्दीकी और न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब शामिल हैं।
डान अखबार की खबर के अनुसार नवंबर, 2024 में लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने दंगों से संबंधित इन मामलों में इमरान को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इनमें एक मामला लाहौर कोर कमांडर के घर पर हमला भी शामिल था। जेल में बंद पीटीआई नेता इमरान खान ने निचली अदालत के फैसले को लाहौर उच्च न्यायालय में चुनौती दी। 24 जून को लाहौर उच्च न्यायालय ने खान की याचिका खारिज कर दी। इसके कुछ दिन बाद इमरान खान ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायायल का रुख किया।
इमरान खान की तरफ से आज उच्चतम न्यायालय में बैरिस्टर सलमान सफदर पेश हुए। पंजाब के विशेष अभियोजक जुल्फिकार नकवी ने राज्य का प्रतिनिधित्व किया। मुख्य न्यायाधीश अफरीदी ने इमरान की जमानत याचिकाओं को खारिज करने के लाहौर उच्च न्यायालय के विस्तृत फैसले में जारी कुछ निष्कर्षों पर ध्यान दिया। अफरीदी ने व्यंग्यात्मक लहजे में सवाल किया, क्या जमानत के मामले में अंतिम टिप्पणियां दी जा सकती हैं?
मुख्य न्यायाधीश अफरीदी ने स्पष्ट किया, अगर हम कानूनी निष्कर्षों पर चर्चा करते हैं, तो दोनों पक्षों में से किसी का भी मामला प्रभावित हो सकता है। उन्होंने दोनों प्रतिवादियों के वकीलों को निर्देश दिया कि वे अदालत को कानूनी सवालों में मदद करें और अगली सुनवाई तक अपनी तैयारी पूरी कर लें। प्रधान न्यायाधीश ने दोहराया, न्यायालय ऐसा कोई निष्कर्ष जारी नहीं करेगा जिससे मामले पर असर पड़े।
इमरान के वकील सफदर ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें बोलने की अनुमति दी जाए, लेकिन मुख्य न्यायाधीश अफरीदी ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद पीठ ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया और सुनवाई 19 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले उच्चतम न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने 29 जून को इमरान की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की थी, लेकिन वकील सफदर के पेश न होने पर नोटिस जारी किए बिना सुनवाई स्थगित कर दी थी।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
