Gujarat

शहरी विकास के 20 वर्ष : लगभग 100 से अधिक शहरों में ढाँचागत सुविधाएँ मिलने से नागरिकों का जीवन बना आसान

शहरी विकास के 20 वर्ष
शहरी विकास के 20 वर्ष

अहमदाबाद, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । गुजरात साल 2025 को शहरी विकास वर्ष के रूप में मना रहा है। नरेन्द्र मोदी ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में पहली बार 2005 को शहरी विकास वर्ष के रूप में मनाया था। तब से प्रारंभ हुई राज्य की शहरी विकास यात्रा को आज 20 वर्ष पूरे हो चुके हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इसे गति देते हुए 20 वर्षों बाद 2025 को फिर शहरी विकास वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है।

गुजरात जब वर्ष 2010 में अपनी स्थापना की स्वर्ण जयंती मना रहा था, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2009-10 में ‘स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना’ लागू की थी और इस योजना के माध्यम से राज्य के बड़े ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों के विकास को बड़ी गति देने का प्रयास किया था।

मुख्यमंत्री पटेल शहरी विकास के लिए वित्तीय आवंटन में छोटे शहरों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। राज्य सरकार ने ‘स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना’ के माध्यम से विशेषकर छोटे शहरों में बुनियादी स्तर की जन सुविधाएँ स्थापित करने के विशेष प्रयास किए हैं। इस योजना अंतर्गत राज्य सरकार ने वर्ष 2014-15 से 2024-25 यानी पिछले 10 वर्ष में 3294.97 अर्थात् लगभग 4 हजार करोड़ रुपए की लागत से जल प्रबंधन एवं भूमिगत सीवेज योजना जैसी बुनियादी सुविधाओं के कार्य शुरू किए। इनमें से 2526.98 करोड़ रुपए के कार्य पूरे होने से अनेक छोटे शहरों के नागरिकों के लिए पानी-सीवेज जैसी बुनियादी सुविधाएँ सुलभ बनी हैं। हाल में भी राज्य के 54 शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, जलापूर्ति तथा भूमिगत सीवेज योजना के 1398.19 करोड़ रुपए के कार्य प्रगति पर हैं।

उल्लेखनीय है कि ‘स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना’ के क्रियान्वयन के लिए अलग-अलग नोडल एजेंसियों को कामकाज सौंपा गया है और उनमें एक नोडल एजेंसी गुजरात अर्बन डेवलपमेंट कंपनी (जीयूडीसी) भी है, जिसे छोटे शहरों का कार्य सौंपा गया है।

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(Udaipur Kiran) / Abhishek Barad

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