
कहा-कोल इंडिया लिमिटेड का 2026-27 तक 1 अरब टन कोयला उत्पादन की संभावना
नई दिल्ली 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । देश में कोयले की अधिकांश जरूरतें घरेलू कोयला उत्पादन से पूरी होती है। भारत का कुल कोयला उत्पादन वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 1 अरब टन (बीटी) का आंकड़ा पार कर चुका है। देश की सबसे बड़ी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने वित्त वर्ष 2026-27 तक एक अरब टन कोयला उत्पादन का आंकड़ा पार करने का लक्ष्य है।
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सोमवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2024-25 में 781.07 मिलियन टन कोयला का उत्पादन किया है और वित्त वर्ष 2026-27 के लिए उत्पादन का लक्ष्य 1004.00 अरब टन निर्धारित किया है। जी. किशन रेड्डी ने बताया कि देश में कोयले की अधिकांश जरूरत स्वदेशी कोयला के उत्पादन से पूरी होती है। उन्होंने कहा कि कोयले के आयात में मुख्य रूप से कोकिंग कोल और उच्च श्रेणी के गैर-कोकिंग कोल जैसे आवश्यक आयात शामिल हैं, क्योंकि इनका घरेलू उत्पादन या तो कम भंडार या अनुपलब्धता के कारण सीमित है। रेड्डी ने कहा कि स्वदेशी स्रोतों से कोयले की भविष्य की मांग को पूरा करने और कोयले के गैर-आवश्यक आयात को कम करने के लिए, अगले कुछ वर्षों में घरेलू कोयला उत्पादन में सालाना 6-7 फीसदी की वृद्धि होने और वित्त वर्ष 2029-30 तक लगभग 1.5 अरब टन तक पहुंचने की उम्मीद है।
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में अखिल भारतीय घरेलू कोयला उत्पादन 1047.67 मिलियन टन (एमटी) (अनंतिम) रहा, जबकि वर्ष 2023-2024 में यह 997.83 मिलियन टन था। इस तरह यह लगभग 4.99 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाने और देश में कोयले के अनावश्यक आयात को समाप्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि सिंगरेनी थर्मल पावर प्लांट (एसटीपीपी) से एकत्रित कोयला-व्युत्पन्न फ्लाई ऐश और बॉटम ऐश के नमूनों तथा ओवरबर्डन क्ले के नमूनों का सूक्ष्म तत्वों और दुर्लभ मृदा तत्वों (आरईई) के लिए विश्लेषण किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह परिणाम दर्शाते हैं कि फ्लाई ऐश और क्ले में कुल आरईई लगभग 400 पीपीएम है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने 29 जनवरी को वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2030-31 की अवधि के लिए राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (एनसीएमएम) की स्थापना को मंजूरी दी है। इस मिशन के तहत ओवरबर्डन, टेलिंग, फ्लाई ऐश और रेड मड जैसे स्रोतों से महत्वपूर्ण खनिजों की प्राप्ति पर केंद्रित पायलट परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा एनसीएमएम के अंतर्गत उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की स्थापना के लिए दिशा-निर्देशों को 6 अप्रैल को मंजूरी दे दी गई है।
—————
(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
