
रांची, 22 जून (Udaipur Kiran) । मिशन ब्लू फाउंडेशन और आई-थ्री फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित झारखंड सीएसआर कॉन्क्लेव 2025 की तैयारी को लेकर रविवार को रांची के एक होटल में प्री-मीट का आयोजन हुआ। इस बैठक का मुख्य विषय जनजातीय कल्याण रहा, जिसमें राज्य के 30 जनजातीय समुदायों के अगुआ और करीब 200 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि सीएसआर फंड का इस्तेमाल प्राथमिकता के आधार पर शिक्षा, स्वास्थ्य, खेलकूद, पारंपरिक कला-संस्कृति, पेयजल और अंधविश्वास उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में किया जाए।
मिशन ब्लू फाउंडेशन के अध्यक्ष पंकज सोनी ने बताया कि यह प्री-मीट आने वाले कॉन्क्लेव के लिए दिशा तय करेगा, ताकि कारपोरेट कंपनियों का सहयोग झारखंड की पारंपरिक पहचान और विकास के लिए सटीक दिशा में हो।
पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव ने कहा कि आपसी समस्या स्थापित कर सीएसआर फंड का उपयोग करने आमजनों को फंड का बेहतर लाभ मिलता। खासकर आदिवासी समाज का समग्र विकास होता। सीएसआर पॉलिसी तो बनी है लेकिन उसमें सुधार करने की जरूरत है।
पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर ने सीएसआर फंड के पारदर्शी और समन्वित उपयोग पर ज़ोर दिया। ताकि इसके सही उपयोग होने पर शिक्षा, स्वास्थ्य समेत अन्य हर सेक्टर में बेहतर लाभ मिल पाता।
आई-थ्री फाउंडेशन के राजीव गुप्ता ने जनजातीय समुदाय की भागीदारी को झारखंड के विकास की रीढ़ बताया।
प्री मीट में खासकर सेल बोकारो के जीएम हेमू टोप्पो, बीएसएनएल के उमेश प्रसाद साह, पीएचडी चैंबर के मंतोष कुमार, राजू पोद्दार, राहुल कुमार, बिंदेश्वर उरांव सहित कई गणमान्य मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
