RAJASTHAN

बाल कल्याण समिति ने दिया संदेश- फेंको मत, हमें दो

jodhpur

नवजात को पालने में असमर्थ होने पर पालना गृह में छोडऩे की अपील

जोधपुर, 25 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) जोधपुर ने हाल ही में भीलवाड़ा जिले में हुई मासूम के साथ अमानवीय घटना मुंह में पत्थर भरकर फेविक्विक से चिपकाने पर गहरी पीड़ा व्यक्त की है। इसी क्रम में उम्मेद अस्पताल से प्राप्त एक मामले में समिति ने त्वरित संज्ञान लिया।

अस्पताल अधीक्षक डॉ. मोहन मकवाना द्वारा भेजे गए पत्र में बताया गया कि 22 वर्षीय युवती ने नवजात शिशु को जन्म दिया है, लेकिन युवती व परिजन शिशु को अपने पास नहीं रखना चाहते। सूचना मिलते ही समिति अध्यक्ष विक्रम चेतन सरगरा ने टीम सहित अस्पताल पहुंचकर युवती की काउंसलिंग करवाई और अवगत करवाया कि माता व परिजन चाहें तो आवश्यक दस्तावेज व औपचारिकताएं पूरी कर नवजात को नियमानुसार अभ्यर्पित कर सकते हैं। परिजनों की सहमति मिलने पर समिति ने जिला बाल संरक्षण इकाई को पत्र भेजकर नवजात शिशु को नियमानुसार सुरक्षित अभ्यर्पित करने की प्रक्रिया शुरू करवाई। समिति सदस्य बबीता शर्मा, जय भाटी, अनिल मरवण, गंगाराम देवासी और सहायक निदेशक मनमीत कौर ने भी अस्पताल पहुंचकर शिशु की स्थिति का जायजा लिया और उचित दिशा-निर्देश दिए। समिति ने आमजन से अपील की है कि यदि किसी कारणवश माता-पिता शिशु को पालने में असमर्थ हों तो उन्हें फेंके नहीं, बल्कि जोधपुर जिले में स्थापित पालना गृह में छोड़ दें। ये पालना गृह उम्मेद अस्पताल, मथुरादास माथुर अस्पताल के शिशु विभाग और बाल देखरेख संस्थान में उपलब्ध हैं।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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