Jammu & Kashmir

मुख्य सचिव ने जम्मू-कश्मीर में विकास और शासन के लिए सीआईटीएजी के रोडमैप का किया मूल्यांकन

श्रीनगर 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें शासन में नवाचार और परिवर्तन केंद्र के प्रारंभिक रोडमैप की समीक्षा की गई। इस बैठक का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में आर्थिक विकास को गति देना, शासन में सुधार लाना और योजना प्रक्रिया में सुधार लाना है।

प्रस्तुति में केंद्र शासित प्रदेश में सार्वजनिक-निजी भागीदारी, शासन परिवर्तन और संस्थागत क्षमता निर्माण में हुई महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला गया।

इस बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास के लिए एक भविष्योन्मुखी रोडमैप तैयार करने में ब्प्ज्ंळपद के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने उद्योग, पर्यटन, कृषि, शहरी नियोजन, हस्तशिल्प और अन्य प्रमुख क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड में उच्च प्रभाव वाली परियोजनाओं की अवधारणा, पहचान और कार्यान्वयन में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।

मुख्य सचिव ने योजना विकास एवं विकास निगरानी विभाग को सभी विभागों को सीआईटीएजी की भूमिका से परिचित कराने के लिए कदम उठाने की सलाह दी। उन्होंने इन सभी विभागों के साथ विचार-मंथन सत्र आयोजित करने का आह्वान किया ताकि वे अपनी परियोजनाओं और योजनाओं के कार्यान्वयन में सीआईटीएजी के साथ अपने सहयोग के बारे में जानकारी और जागरूकता प्राप्त कर सकें।

इस अवसर पर उन्होंने सीआईटीएजी टीम को सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए कार्यान्वयन रणनीति तैयार करने और यहाँ उनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक समय में कुछ पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की ओर इशारा किया जिन पर शुरुआत में ध्यान केंद्रित किया जा सकता है जिनमें पीपीपी मोड में एक औद्योगिक एस्टेट का विकास भी शामिल है क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश के जिलों में एक विशाल भूमि बैंक बनाया गया है।

अन्य प्रतिभागियों ने भी सीआईटीएजी के कामकाज को और अधिक कुशल बनाने और अपने विभागों के परिणामों को अधिक प्रभावी और समयबद्ध बनाने के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।

प्रस्तावित सुझावों में सतत पर्यटन का विकास, सौर पार्क, अपशिष्ट प्रबंधन, सरकारी अधिकारियों का मार्गदर्शन और क्षमता निर्माण और अन्य विकासात्मक योजनाएँ शामिल हैं।

बैठक में सीआईटीएजी के स्थापना काल से अब तक के कार्यों पर चर्चा की गई जिसमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजनाओं पर विशेष ज़ोर दिया गया।

सीआईटीएजी के सीईओ डॉ. संदीप ने अपनी प्रस्तुति में कुल 63 सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजनाओं का उल्लेख किया, जिनमें 21,988 करोड़ रुपये से अधिक का अनुमानित निवेश शामिल है। वर्तमान में इनमें से 21 परियोजनाएँ सक्रिय हैं, जबकि 42 अन्य विकास के चरण में हैं।

सक्रिय रूप से विचाराधीन प्रमुख परियोजनाओं में जम्मू स्थित ऐतिहासिक मुबारक मंडी हेरिटेज कॉम्प्लेक्स का एक हेरिटेज होटल विकसित करने के लिए अनुकूली पुनः उपयोग, दर्शनीय पर्यटन स्थलों पर पर्यटन अवसंरचना का विस्तार, यहाँ नई रोपवे परियोजनाओं और सौर पार्कों की स्थापना शामिल है।

सीईओ ने पुष्टि की कि इन और अन्य परियोजनाओं के लिए प्रारंभिक स्थल मूल्यांकन रिपोर्ट और हितधारक परामर्श कार्य प्रगति पर हैं जो भविष्य के निवेश और विकास की नींव रखेंगे।

पीपीपी के अलावा, यह बताया गया कि सीआईटीएजी के व्यापक कार्यक्षेत्र में शासन और आर्थिक विकास के कई प्रमुख क्षेत्रों में 65 कार्य शामिल हैं।

बैठक में जम्मू और कश्मीर के लिए नई पीपीपी नीति की तैयारी, राजस्व सृजन बढ़ाने के उपाय, और उद्यमिता एवं निर्यात संवर्धन को बढ़ावा देने की रणनीतियों सहित विभिन्न पहलों की प्रगति की समीक्षा की गई।

मुख्य सचिव को सीआईटीएजी की टीम के लिए चल रही भर्ती प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी गई। बताया गया कि भर्ती प्रक्रिया का पहला चरण पूरा हो चुका है जिसमें आईआईएम जम्मू के माध्यम से एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी, चार विशेषज्ञों और चार युवा पेशेवरों का चयन किया गया है।

दूसरे चरण की भर्ती प्रक्रिया, जिसमें बुनियादी ढाँचा, सामाजिक क्षेत्र, मानव संसाधन विकास और सूचना प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञों के पद शामिल हैं, इस महीने के अंत तक पूरी हो जाएगी। टीम के इस विस्तार का उद्देश्य यहाँ प्रशासन के “भविष्य के लिए तैयार शासन“ मॉडल के दृष्टिकोण के कार्यान्वयन में तेज़ी लाना है।

(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह

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