
गुवाहाटी, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने धुबड़ी में हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और तुरंत कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया है। साथ ही पांच दिनों के भीतर जांच पूरी करने के आदेश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मंत्री जयंत मल्ल बरुवा को मौके पर भेजा गया था, जिन्होंने घायलों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर जांच में यह साबित होता है कि किसी भी स्तर पर पुलिसकर्मी ने अत्यधिक बल का प्रयोग किया है, चाहे वह एसपी हो या जूनियर अधिकारी, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
घटना के बाद पुलिस की भूमिका पर जनता की नाराज़गी बढ़ी है। सरकार की त्वरित कार्रवाई और जवाबदेही सुनिश्चित करने की घोषणा से जनता का भरोसा बहाल करने की कोशिश की जा रही है।
इस बीच, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने गोलकगंज में अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग कर रहे कोच-राजबंशी छात्रों पर कथित पुलिस हमला को लेकर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की।
गोगोई ने इस घटना को निर्मम करार देते हुए कहा, “यह शर्मनाक घटना असम सरकार के आदिवासी समुदायों के अधिकार और गरिमा की अनदेखी को उजागर करती है। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा की उदासीनता अब साफ हो चुकी है। असम के युवाओं को गरिमा, संवाद और अवसर चाहिए, न कि दमन और उपेक्षा।”
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
