



गोरखपुर, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के दीपोत्सव को लेकर दिए गए बयान पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर एक बार फिर शाब्दिक प्रहार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि दीपावली पर दीये जलाने के विरुद्ध बयान देकर अखिलेश यादव ने यह सिद्ध कर दिया है कि उन्हें अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर, देवी देवताओं, सनातन धर्म और दीपावली जैसे इसके पर्व-त्योहारों से भी नफरत है। उनका बयान प्रजापति समाज (कुम्हारों) का अपमान करने वाला है। उन्होंने अखिलेश पर यह भी तंज कसा कि गद्दी तो विरासत में मिल सकती है, बुद्धि नहीं। बिना विवेक वाले लोग ही दीपावली का विरोध करते हैं।
मुख्यमंत्री योगी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष पर गोरखपुर विभाग द्वारा आयोजित विचार-परिवार कुटुंब स्नेह मिलन एवं ‘दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मंगलवार रात योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अयोध्या में 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बने मंदिर के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि संघ की सौ वर्ष की यात्रा के कालखंड में असंभव को भी संभव होते देखा गया है। राम मंदिर को लेकर सपा, कांग्रेस और इंडी गठबंधन के लोग प्रश्न करते थे संघ के स्वयंसेवक दृढ़ संकल्प से कहते थे कि मंदिर जरूर बनेगा। संघ ने बंदिशें झेलीं, स्वयंसेवकों ने लाठी गोली खाई। परिणाम भव्य श्रीराम मंदिर के रूप में सबके सामने है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो अयोध्या साढ़े आठ वर्ष पूर्व वीरान थी, अब वहां का भव्य दीपोत्सव नई पहचान बन गया है। इस बार 26 लाख 17 हजार दीये जलाने का नया विश्व रिकार्ड बना है। उन्होंने कहा कि सपा को दीया जलाने पर भी परेशानी है। सपा प्रमुख कहते हैं कि दीया जलाने की आवश्यकता क्या है, मोमबत्ती जला लेते। उनका यह बयान तिलहन की पैदावार कर दीयों को तेल देने वाले अन्नदाता किसानों और मिट्टी के दीये बनाने वाले कुम्हारों का अपमान है। 2017 के पूर्व मिट्टी को लेकर कुम्हारों की पीड़ा को अगर समझा होता तो बबुआ (सपा प्रमुख अखिलेश यादव) बचकाना बयान नहीं देते। उन्हें नहीं मालूम है कि दो करोड़ लोग मिट्टी के दीयों से लेकर बर्तन के कारोबार से जुड़े हुए हैं। मिट्टी के उत्पाद आर्थिक निर्भरता और स्वावलंबन का प्रतीक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अखिलेश को सनातन धर्म के त्योहारों, देवी-देवताओं से नफरत है। अखिलेश, दुर्योधन की मूर्ति लगाने की बात करते हैं, हमनें कहा कि कंस की भी मूर्ति लगवा लो। सपा को रामद्रोही, कृष्णद्रोही और सनातन पर्व द्रोही बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अयोध्या, मथुरा, वृंदावन की आभा चमकाती रहेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कांग्रेस को भी निशाने पर रखा। कहा कि कांग्रेस प्रभु राम और कृष्ण को नकारती थी। कांग्रेस ने अदालत में शपथ पत्र देकर कहा था कि भगवान राम और कृष्ण मिथक हैं। सपा ने निर्ममता के साथ राम भक्तों पर गोलियां चलाई थीं। उन्होंने कहा कि आज दुनिया अयोध्या में आकर प्रभु श्रीराम के दर्शन कर अभिभूत हो रही है। पिछले साल 6 करोड़ लोगों ने अयोध्या में प्रभु राम का दर्शन किया। प्रयागराज में महाकुंभ के 66 करोड़ से अधिक लोग साक्षी बने। मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा और कांग्रेस के लोग इसमें शुरूआत से ही खोट निकाल रहे थे।
आस्था पर सर्वाधिक कुठाराघात राजनीतिक इस्लाम ने किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में अंग्रेजों के वर्षों तक किए गए शासन, ब्रिटिश उपनिवेश की चर्चा होती है। फ्रांस के उपनिवेश की चर्चा होती है। पर, ‘राजनीतिक इस्लाम’ की कहीं चर्चा नहीं होती है जिसने आस्था पर सर्वाधिक कुठाराघात किया। ब्रिटिश उपनिवेशवाद और फ्रांस के उपनिवेशवाद के खिलाफ हमारे पूर्वज लड़े थे। साथ ही राजनीतिक इस्लाम के खिलाफ भी हमारे पूर्वजों ने लड़ाई बड़ी-बड़ी लड़ाइयां लड़ी थीं। छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोविंद सिंह जी महाराज, महाराणा प्रताप, महाराणा सांगा को हम इसी बात के लिए स्मरण करते हैं। इसी बात को लेकर हम उनको राष्ट्र नायक के रूप में सम्मान देते हैं। योगी ने कहा कि यह राजनीतिक इस्लाम वही है जो आज छांगुर के रूप में डेमोग्राफी को चेंज करके राष्ट्र माता के टुकड़े-टुकड़े करने की मंशा के साथ कार्य कर रहा है। उससे सतर्क रहने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज समाज को जोड़ने के लिए जिस अभियान को आगे बढ़ा रहा है, वह अत्यंत अभिनंदनीय प्रयास है।
(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय