
शिमला, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) के 56वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है कि इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने युवाओं को ज्ञान की रोशनी से आलोकित करते हुए 55 वर्ष सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि प्रदेश के सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास का भी प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने देश और प्रदेश को अनेक मेधावी छात्र दिए हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान स्थापित कर हिमाचल का नाम देश-विदेश में रोशन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने भावुक होकर याद किया कि वह स्वयं भी इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं और उनके जीवन की दिशा तय करने, विचारों को आकार देने और व्यक्तित्व के विकास में इस विश्वविद्यालय की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में बिताए गए पल, शिक्षकों का मार्गदर्शन और मित्रों के साथ बिताया गया समय आज भी उनकी स्मृतियों में जीवंत हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय सूचना प्रौद्योगिकी और नवाचार का दौर है, ऐसे में विश्वविद्यालय को भी समय के साथ कदमताल करनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि हम बदलाव के साथ नहीं चले तो पिछड़ जाएंगे। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि विश्वविद्यालय को बदलाव का सशक्त प्रतीक बनना चाहिए, जहां न केवल शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को आधुनिक बनाया जाए, बल्कि प्रशासनिक कार्यप्रणालियों में भी सुधार हो।
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय को पाठ्यक्रम निर्माण और उनमें समय-समय पर बदलाव की प्रक्रिया को सरल एवं लचीला बनाना चाहिए, ताकि बाज़ार की मांग के अनुरूप नए पाठ्यक्रम शुरू किए जा सकें और अनुपयोगी पाठ्यक्रमों को बंद किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल डिग्रीधारी युवा तैयार करना नहीं, बल्कि ऐसे युवा तैयार करना होना चाहिए, जो कौशलयुक्त, आत्मनिर्भर और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम हों।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने विश्वविद्यालय में खुल रहे पांच नए शोध केंद्रों को एक सकारात्मक पहल बताते हुए इसके लिए कुलपति डॉ. महावीर सिंह की सराहना की। उन्होंने आशा जताई कि इसी प्रकार के नवाचार और बदलाव भविष्य में भी निरंतर जारी रहेंगे और विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।
मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों द्वारा आपदा प्रभावितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में अपने वेतन से अंशदान देने के निर्णय की भी प्रशंसा की और इसके लिए आभार व्यक्त किया।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
