Delhi

दिल्ली में विभिन्न राज्यों की कला एवं संस्कृति का होगा प्रचार-प्रसार : मुख्यमंत्री

उत्तरी दिल्ली स्थित मॉडल टाउन में सोमवार को नवनिर्मित यथार्थ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करती मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता

नई दिल्ली, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली में देश के विभिन्न राज्यों की कला, संस्कृति को प्रभावी रूप से विस्तार दिया जाएगा। इसमें दिल्ली सरकार का कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग अपने कार्यक्रमों और आयोजनों का विस्तार कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। दिल्ली सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गयी है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि राज्य का कला, संस्कृति और भाषा विभाग अपनी गतिविधियों को विशेष स्थलों से निकालकर आम लोगों तक ले जाएगा, ताकि उनमें जन-भागीदारी बढ़े। इसके लिए दिल्ली में मनाए जाने वाले क्षेत्रीय पर्व-त्योहारों में इनसे जुड़े कलाकारों को बुलाया जाएगा, जिससे कि लोगों की ऐसे आयोजनों में दिलचस्पी बढ़े।

मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली के बच्चों को गैर हिंदी भाषा पढ़ाने की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं, ताकि वे दूसरे प्रदेशों की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को भी समझ सकें।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग के साथ एक विशेष बैठक की अध्यक्षता की। दिल्ली सचिवालय में हाल ही में आयोजित इस बैठक में विभाग के मंत्री कपिल मिश्रा सहित विभिन्न निकायों के सचिव, उप सचिव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक का उद्देश्य दिल्ली को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाना और समाज के सभी वर्गों को सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ना था।

मुख्यमंत्री ने माना कि यह विभाग वर्षों से देश और दिल्ली की कला संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर रहा है। लेकिन अब इसके उद्देश्य को और विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभाग के आयोजनों में महिला कला प्रदर्शनी, दिल्ली नृत्य एवं संगीत महोत्सव, भक्ति संगीत उत्सव, हास्य रंग उत्सव, पेंटिंग्स प्रतियोगिता, छठ पूजा, दुर्गा पूजा, जन्माष्टमी, राम नवमी आदि पर कार्यक्रम शामिल हैं। ऐसे कार्यक्रमों व आयोजनों को स्थान विशेष से निकालकर दिल्ली के विभिन्न इलाकों में आयोजित किया जाएगा, ताकि इनसे ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी दिल्ली में विभिन्न राज्यों के लोग वर्षों से निवास कर रहे हैं, इसलिए उनकी संस्कृति और सामाजिक सारोकार भी विस्तार पा रहे हैं। इसका एक लाभ यह हुआ है कि दिल्ली में अब छठ पूजा, दुर्गा पूजा, गणेशोत्सव, लोहड़ी व अन्य प्रादेशिक पर्व भी श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के साथ मनाए जा रहे हैं। विभागीय अधिकारियों को भी निर्देश जारी किए गए हैं कि वे इन पर्व-उत्सवों के लिए आंचलिक कलाकारों को दिल्ली बुलाएं और उनके नेतृत्व में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करें। अधिकारियों से इसके लिए रिपोर्ट तैयार करने के लिए भी कहा गया है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि दिल्ली सिर्फ एक राजधानी नहीं, बल्कि देश की सांस्कृतिक पहचान भी है। लिहाज, वो चाहती हैं कि विभिन्न राज्यों की कला और संस्कृति हर गली तक पहुंचे और हर व्यक्ति इससे जुड़ाव महसूस करे। दिल्ली के बच्चे दूसरे राज्यों की भाषा भी सीखें, ताकि वे संबंधित राज्यों की सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी समझ सकें।

मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि दूसरे राज्यों के छात्रों के साथ स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू किया जाए। इससे न केवल छात्रों को अन्य प्रदेशों की संस्कृति और रहन-सहन जानने का मौका मिलेगा, बल्कि आपसी समझ और सौहार्द भी बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग लगातार पेंटिंग्स प्रतियोगिताएं भी आयोजित करता आ रहा है और इन आयोजनों से प्राप्त हुई कई पेंटिग्स विभाग के पास मौजूद हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन पेंटिंग्स को दिल्ली सरकार के सचिवालय व विभिन्न सरकारी कार्यालयों में लगाने की व्यवस्था करें।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि विभाग राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों के अलावा, कम ज्ञात स्मारकों का रखरखाव भी कर रहा है, जिनकी संख्या लगभग 75 है। इनमें मालचा महल, भूली भटियारी का महल, ग़ालिब हवेली, द्वारका बावली, कुली खां मकबरा, बड़ा लाओ का गुंबद, बारादरी, दारा शिकोह लाइब्रेरी आदि शामिल हैं।

अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे आम लोगों की इन स्मारकों तक पहुंच बढ़ाने के लिए विशेष उपाय करें और स्मारकों के आसपास ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा दें, जिससे कि लोग आकर्षित हों और ज्यादा देर तक इनको देख और समझ सकें।

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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव

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