
शिमला, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यावरण संरक्षण में देश का सबसे बड़ा योगदान देने वाला राज्य है, इसलिए यह ग्रीन बोनस का हकदार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके लिए राज्य की कुल ऊर्जा खपत का 90 प्रतिशत हिस्सा नवीकरणीय या हरित ऊर्जा से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में हिमाचल की कुल ऊर्जा खपत करीब 14,000 मिलियन यूनिट है, जिसमें से 12,600 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा से पूरी करने का प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि यह कदम राज्य के औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगा। उन्होंने बताया कि हिमाचल पथ परिवहन निगम डीजल बसों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक बसों से बदल रहा है, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आई है। निगम ने 412 करोड़ रुपये की लागत से 297 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए निविदाएं जारी की हैं, जबकि 124 करोड़ रुपये से बस अड्डों पर ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। अगले वित्त वर्ष में 500 और ई-बसें खरीदी जाएंगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना युवाओं के लिए वरदान बन रही है। इस योजना के तहत ई-टैक्सियों की खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। अब तक लगभग 50 ई-टैक्सियां विभिन्न सरकारी विभागों से जोड़ी जा चुकी हैं, जबकि 59 लाभार्थियों को 4.22 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की जा चुकी है। 61 और युवाओं को शीघ्र ही सब्सिडी दी जाएगी। इन टैक्सियों को पांच साल तक सरकारी कार्य में लगाया जा रहा है, जिसे दो साल के लिए बढ़ाने का भी प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में छह ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए हैं, जिनमें ई-वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। शीघ्र ही इन कॉरिडोरों में 41 नए चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। सरकार ने ई-वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण पर रोड टैक्स में 100 प्रतिशत और विशेष रोड टैक्स में 50 प्रतिशत छूट प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि सरकार चरणबद्ध तरीके से पेट्रोल और डीजल ऑटो रिक्शा को ई-ऑटो से बदल रही है। युवाओं को स्वरोजगार के अवसर देने के लिए 1,000 बस रूटों पर निजी परमिट दिए जा रहे हैं। चिन्हित रूटों पर ई-बसों और टैंपो ट्रैवलर पर 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल को ‘लंग्ज ऑफ नॉर्थ इंडिया’ कहा जाता है और राज्य पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि वनों के संरक्षण से हिमाचल न केवल स्वच्छ पर्यावरण दे रहा है, बल्कि देश के पारिस्थितिकीय तंत्र को भी संबल प्रदान कर रहा है। राज्य सरकार ने केंद्र और 16वें वित्त आयोग के समक्ष ग्रीन बोनस के लिए हिमाचल का पक्ष मजबूती से रखा है। उन्होंने कहा कि राज्य के पर्यावरणीय योगदान का वैज्ञानिक मूल्यांकन होने पर हिमाचल को प्रतिवर्ष लगभग 90,000 करोड़ रुपये का ग्रीन बोनस मिल सकता है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
