
शिमला, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश में अब स्थानीय दूध उत्पादकों को बल्क मिल्क कूलर चलाने का जिम्मा सौंपा जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि दूध उत्पादक स्वयं इन कूलरों की देखरेख करेंगे ताकि दूध खराब न हो और सरकार इसके बदले उन्हें कमीशन देगी।
मुख्यमंत्री मंगलवार को विधानसभा में आनी के विधायक लोकेन्द्र कुमार द्वारा नियम 62 के तहत उठाए गए मामले पर हस्तक्षेप करते हुए बोल रहे थे। विधायक लोकेन्द्र कुमार ने “दुग्ध चिलिंग प्लांट की तकनीकी खराबी के कारण हजारों लीटर दूध बर्बाद होने” की समस्या को सदन में उठाया।
इस पर कृषि मंत्री चन्द्र कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि आनी क्षेत्र के कराणा चिलिंग प्लांट में तकनीकी खराबी की सूचना मिली थी। बाद में पता चला कि मशीन सही थी, लेकिन बिजली बोर्ड की सिंगल लाइन के कारण पर्याप्त वोल्टेज उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। इस वजह से बल्क मिल्क कूलर काम नहीं कर सका और दूध खराब हो गया। उन्होंने बताया कि सहकारी समिति के सचिव ने बिना अनुमति के दूध नाले में गिरा दिया, जिस पर उसे नोटिस दिया गया है। मंत्री ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सभी सहकारी समितियों और प्लांट प्रमुखों को उपकरणों की सही तरह से देखरेख करने के निर्देश दिए गए हैं।
कृषि मंत्री ने सदन को यह भी बताया कि दूध खराब होने से 221 उत्पादकों को लगभग 77 हजार रुपये का नुकसान हुआ है।
विधायक लोकेन्द्र कुमार ने कहा कि आनी के आउटर सराज क्षेत्र में सबसे अधिक दूध का उत्पादन होता है और इस काम में महिलाएं भी बड़ी संख्या में लगी हैं। उन्होंने बताया कि कराणा प्लांट में नाले में हजारों लीटर दूध फेंका गया, जिससे उत्पादकों को भारी नुकसान हुआ। उन्होंने मांग की कि आनी में 15 हजार लीटर क्षमता का मिल्क कूलर लगाया जाए, क्योंकि वर्तमान में निरमंड का बल्क मिल्क कूलर केवल 5 हजार लीटर क्षमता का है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
