HimachalPradesh

बादल फटने से हुए नुकसान पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से की मुलाकात, पुनर्वास के लिए वन मानदंडों में ढील की मांग

नई दिल्ली, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार देर सायं नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने हिमाचल प्रदेश में हाल ही में बादल फटने और भारी बारिश के चलते हुई व्यापक तबाही की जानकारी दी तथा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए आवश्यक केंद्रीय सहायता की मांग की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि मानसून के दौरान राज्य को भवनों, सड़कों, पुलों, जलापूर्ति योजनाओं, आवासीय संपत्तियों तथा अन्य बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। इस प्राकृतिक आपदा में बहुमूल्य मानव जीवन भी नष्ट हुआ है। उन्होंने बताया कि कई परिवारों ने अपनी जमीन तक गंवा दी है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री से आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास हेतु एक-एक बीघा भूमि आवंटित करने की अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि चूंकि प्रदेश का लगभग 68 प्रतिशत क्षेत्र वन भूमि के अंतर्गत आता है, ऐसे में पुनर्वास कार्यों के लिए वन मानदंडों में ढील आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने नदियों में गाद भरने की समस्या का भी उल्लेख किया और आग्रह किया कि आपदा निवारण की दृष्टि से इसके निपटान के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। उन्होंने पहाड़ी राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अलग मानदंड तय करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री को यह भी बताया कि बादल फटने की घटनाएं राज्य में लगातार दोहराई जा रही हैं, जो जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों का संकेत है। उन्होंने बताया कि इस विषय पर केंद्रीय गृह मंत्री से भी विचार-विमर्श किया गया है और एक केंद्रीय टीम ने राज्य का दौरा कर हालात का अध्ययन किया है।

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(Udaipur Kiran) शुक्ला

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