
शिमला, 26 जून (Udaipur Kiran) । प्रदेश में भारी बारिश और लगातार आपदाओं की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सभी जिलों के प्रशासन को सतर्क रहने और राहत कार्यों को तेज गति से चलाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को शिमला से वर्चुअल माध्यम से प्रदेश में मौसम की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि मानसून के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन 24×7 मुस्तैद रहे।
मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों से कहा कि वे बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों को युद्धस्तर पर चलाएं। उन्होंने विशेष रूप से नदी-नालों के समीप रहने वाले लोगों और प्रवासी मजदूरों की पहचान कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए। साथ ही पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों को भी नदी-नालों के पास न जाने को लेकर एडवाइजरी जारी करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल मानसून के दौरान जल विद्युत परियोजनाओं को बार-बार नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में इनकी सुरक्षा के लिए एक समग्र रणनीति बनाई जानी चाहिए ताकि भविष्य में भारी नुकसान से बचा जा सके।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश में तीन स्थानों पर बादल फटने, नौ स्थानों पर बाढ़ और तीन जगह भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इन घटनाओं में पांच लोगों की मौत और एक व्यक्ति के घायल होने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा जिला कुल्लू में तीन और कांगड़ा में पांच से छह लोग अब भी लापता हैं, जबकि 21 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-505 और एनएच-3 पर भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर यातायात अवरुद्ध है। कुल्लू जिले की सैंज घाटी के मझान नाला में बादल फटने की घटना के चलते सैंज, पार्वती और लारजी जल विद्युत परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं। इन परियोजनाओं को एहतियातन बंद कर उनके गेट खोल दिए गए हैं।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और होम गार्ड की टीमें निरंतर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी प्रकार की क्षति की सूचना तत्काल सरकार तक पहुंचे।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
