Gujarat

मुख्यमंत्री ने जिलों को आवंटित 28 नई आधुनिक मोबाइल फोरेंसिक वैन को गांधीनगर से दिखाई हरी झंडी

सीएम ने गांधीनगर से दिखाई हरी झंडी
सीएम ने गांधीनगर से दिखाई हरी झंडी

राज्य में मोबाइल फोरेंसिक वैन की संख्या 47 से बढ़कर 75 हुई

गांधीनगर, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को गांधीनगर से राज्य के जिलों को आवंटित 28 नई अत्याधुनिक मोबाइल फोरेंसिक वैन को गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी की उपस्थिति में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

राज्य सूचना विभाग ने अपने बयान में बताया कि नए और समयानुकूल आपराधिक कानूनों को लागू किया गया है। नए आपराधिक कानूनों में कन्विक्शन रेट यानी दोषसिद्धि की दर को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक पद्धति से अपराधों की जांच को विशेष महत्व दिया गया है। इन कानूनों के अंतर्गत 7 वर्ष से अधिक की सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक जांच को अनिवार्य किया गया है, तब फोरेंसिक साइंस की भूमिका और भी बढ़ जाती है।

विभाग ने बताया कि अपराध-घटना या दुर्घटना स्थल के परीक्षण में वैज्ञानिक तरीके से प्राथमिक जांच एवं साक्ष्य एकत्रित करने में वैज्ञानिक अधिकारियों की उपस्थिति के साथ मोबाइल फोरेंसिक वैन महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। राज्य में इस प्रकार की और अधिक मोबाइल फोरेंसिक वैन के कार्यरत होने से फोरेंसिक क्षमता में वृद्धि हुई है। वर्तमान में फोरेंसिक जांच के लिए 47 वैन हैं, अब इन 28 नई फोरेंसिक वैन के शामिल होने से यह संख्या बढ़कर 75 हो जाएगी। इसके चलते फोरेंसिक जांच त्वरित और प्रभावी तरीके से हो सकेगी।

इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि इस मोबाइल फोरेंसिक लैब में एनडीपीएस का तत्काल स्थल पर ही निरीक्षण, डीएनए टेस्ट की व्यवस्था है। यह मोबाइल फोरेंसिक वैन किसी भी प्रकार की आग लगने या आकस्मिक घटना या किसी भी प्रकार के अटैक-हमले की स्थिति में फोरेंसिक साइंस के क्षेत्र में आवश्यक सभी उपकरणों से सुसज्जित है। उन्होंने कहा कि ये मोबाइल फोरेंसिक वैन आज से गुजरात की शांति-सुरक्षा और साक्ष एकत्रीकरण में अहम योगदान देंगी।

गौरतलब है कि ये 28 नई मोबाइल फोरेंसिक वैन केंद्र और राज्य सरकार के अनुदान से आवंटित की गई हैं। अत्यधुनिक फोरेंसिक साधनों व उपकरणों वाली इन फोरेंसिक वैन को जिलों में कार्यरत फोरेंसिक विशेषज्ञों की राय के आधार पर सुसज्जित किया गया है। इन मोबाइल वैन से राज्य में फोरेंसिक सेवाएं और अधिक सुलभ होंगी तथा अपराध की त्वरित और प्रभावी जांच संभव हो पाएगी।

इस दौरान गृह विभाग सह मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एम.के. दास, राज्य पुलिस महानिदेशक विकास सहाय, फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) निदेशक एच.पी. संघवी सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / Abhishek Barad

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