हर जिले में दो कृषि फीडर सम्पूर्ण सौरकरण के लिए होंगे चिह्नित
चंडीगढ़, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र के सभी नलकूपों को चरणबद्ध रूप से पूरी तरह सौर ऊर्जा से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान के तहत आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में ऊर्जा मंत्री अनिल विज भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा बिजली उत्पादन निगम हर जिले में कम से कम दो कृषि फीडरों के सौरकरण के लिए पांच-पांच एकड़ के स्थानों को चिह्नित करे, जहां सोलर पैनल स्थापित कर कृषि नलकूपों को सौर ऊर्जा से बिजली आपूर्ति दी जा सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सुझाव दिया कि पंचकूला जिले के रायवाली गांव में स्थित 220 केवी सब स्टेशन के निकट गन्नी खेड़ा ग्राम पंचायत की लगभग 300 एकड़ भूमि पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाया जाए। इस प्लांट से जिले के सभी कृषि नलकूपों को सौर ऊर्जा की आपूर्ति संभव हो सकेगी। साथ ही, पंचकूला जिले के कॉलेज, उपायुक्त कार्यालय, पिंजौर फल एवं सब्जी मंडी टर्मिनस, बस स्टेड जैसी जगहों पर भी खाली भूमि पर सोलर पैनल लगाए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पंचायतों के सौर ऊर्जा प्लांट के लिए भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी। वहां सोलर पैनल इस प्रकार लगाए जाएं कि उनका ढांचा कल्याणम मंडपम के रूप में भी कार्य करे। जिससे उसके नीचे सामाजिक समारोहों का आयोजन संभव हो।
बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह ने जानकारी दी कि वर्ष 2018-19 से लागू पीएम-कुसुम योजना के तहत अब तक राज्य में 1.58 लाख से अधिक सोलर पंप लगाए जा चुके हैं। योजना के तहत 3 से 10 एचपी के सोलर पंपों की लागत 1.41 लाख रुपये आती है, जिसमें 25त्न किसान द्वारा खर्च वहन किया जाता है,शेष 30 प्रतिशत केंद्र सरकार और 45 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
