Assam

मुख्यमंत्री सरमा ने धार्मिक स्थलों पर गोमांस रखने वालों को दी चेतावनी

असमः मीडिया कर्मियों से बातचीत करते मु्ख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा

ग्वालपारा (असम), 24 जून (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने राज्य में अशांति फैलाने वालों, राष्ट्र विरोधी कार्य करने वालों और असामाजिक तत्वों को कड़ी चेतावनी दी है। मंगलवार को असम के ग्वालपारा में मीडिया से बातचीत में उन्होंने असामाजिक तत्वों, अपराधियों और समाज में विद्वेष फैलाने वाले तत्वों के लिए असम में कोई जगह नहीं होने की बात कही है।

मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा आज फिर से ग्वालपाड़ा के दौरे पर पहुंचे थे। ग्वालपारा जिले के हसीला बिल (झील) के दौरे के दौरान वहां मौजूद मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य भर में मंदिरों के सामने गोमांस रखने या बेचने में शामिल बदमाशों को चेतावनी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर इसे नहीं रोका गया, तो दूसरे हिस्सों के लोगों को भी इसी तरह की प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि उन्हें किसी भी हिस्से से इन सारे बुरे कार्यों की उम्मीद नहीं है। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने गोमांस की बिक्री और उपभोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा,’गोमांस का व्यापार अवश्य बंद होना चाहिए। यदि आज मंदिर के पास गोमांस फेंका जाता है, तो कल मस्जिद के पास भी सूअर का मांस मिल सकता है। लेकिन यह स्वीकार्य नहीं है। ये सारे बुरे कार्य चलने नहीं दिए जा सकते। सभी को शाकाहारी बनने पर विचार करना चाहिए।’

संवेदनशील भूमि पर अवैध कब्जे से संबंधित एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री कहा, ‘यदि अतिक्रमणकारी प्रशासन को उचित तरीके से औपचारिक आवेदन प्रस्तुत करते हैं, तो हम उनके साथ बैठकर बातचीत करने के लिए तैयार हैं।’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद रकीबुल हुसैन और एके राशिद आलम पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने उन पर पाखंड का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे स्वयं शीशे के घरों में रहते हैं, तो वे सरकार को कैसे चुनौती दे सकते हैं? उन्होंने सरकारी भूमि पर कब्जा कर रखा है और यहां तक कि कब्जे वाली भूमि पर ईंट भट्टे भी चला रहे हैं। उन्हें पहले अपने कार्यों के बारे में सोचना चाहिए।

एक अन्य प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को पूरे असम में यात्रा करने का अधिकार है। लेकिन उन्हें पाकिस्तान या बांग्लादेश के प्रति सहानुभूति रखने वाली टिप्पणियां करने से बचना होगा।

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(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय

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