
श्रीनगर, 15 अगस्त (Udaipur Kiran) । श्रीनगर में स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा बहाल कराने के लिए जनता का समर्थन मांगा है। उन्होंने कहा कि अगले आठ हफ़्तों के दौरान पूरे जम्मू-कश्मीर में घर-घर जाकर अभियान चलाकर लोगों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि मैं अपने सहयोगियों के साथ हर विधानसभा क्षेत्र का दौरा करुंगा और केंद्र शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल करने के समर्थन में जनता के हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान इकट्ठा करने के लिए पूरे जम्मू-कश्मीर में घर-घर जाकर अभियान चलाया जायेगा। उमर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आठ हफ़्ते का समय दिया है और हम इसे बर्बाद नहीं होने देंगे। हम हर वर्ग तक पहुंचकर सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी घर या व्यक्ति इस मुद्दे का समर्थन किए बिना न रहे। उन्होंने आगे कहा कि इस अभियान में उन लोगों के अंगूठे के निशान भी दर्ज किए जाएंगे, जो आठ हफ़्तों की अवधि के दौरान हस्ताक्षर नहीं कर पायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को इस मंच से अपने प्रतिनिधि को सुने हुए छह साल से ज़्यादा हो गए हैं। उस समय मैं एक ऐसे राज्य का मुख्यमंत्री था, जिसकी अपनी पहचान, संविधान, झंडा और राज्य का दर्जा था। आज वह सब खत्म हो गया है। उमर ने कहा कि हालांकि, लोकतंत्र की वापसी में समय लगा, लेकिन अब इस क्षेत्र में एक निर्वाचित सरकार है। उन्होंने कहा कि हमें 15 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की उम्मीद थी। मुझे तो यह भी बताया गया था कि राज्य के दर्जे के लिए कागज़ात तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
इससे पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बख्शी स्टेडियम में तिरंगा फहराया और परेड में भाग लेने वाली टुकड़ियों का निरीक्षण करने से पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बाद में उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों और स्कूली बच्चों की विभिन्न टुकड़ियों के मंच के सामने मार्च करते हुए सलामी ली।
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला के कैबिनेट सहयोगियों ने शीतकालीन राजधानी जम्मू और केंद्र शासित प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण जिला मुख्यालयों में स्वतंत्रता दिवस समारोहों की अध्यक्षता की।
स्वतंत्रता दिवस समारोह के मुख्य आकर्षणों में से एक सांस्कृतिक कार्यक्रम को इस वर्ष मुख्यमंत्री ने गुरुवार को किश्तवाड़ में आई बाढ़ में जान गंवाने वालों के सम्मान में रद्द कर दिया था।—————-
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
