
श्रीनगर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को लोक सेवा गारंटी अधिनियम (पीएसजीए) के कार्यान्वयन की स्थिति का आकलन करने के लिए एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं को समय पर जवाबदेह और पारदर्शी तरीके से प्रदान करने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने नागरिक केंद्रित शासन की आधारशिला के रूप में पीएसजीए के महत्व को रेखांकित किया।
बैठक के दौरान उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह अधिनियम केवल एक नीतिगत ढांचा नहीं है, बल्कि लोगों के लिए एक कानूनी आश्वासन है कि उनकी बुनियादी सेवा ज़रूरतें पानी और बिजली से लेकर प्रमाणपत्र और मंज़ूरी तक निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरी होनी चाहिए। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों को इधर-उधर भागने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। शासन का मापदंड यह होना चाहिए कि वह नागरिकों की ज़रूरतों पर कितनी तेज़ी और पारदर्शिता से प्रतिक्रिया देता है। उन्होंने दोहराया कि उनका प्रशासन हर स्तर पर सार्वजनिक जवाबदेही के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने पीएसजीए के तहत मौजूद शिकायत निवारण तंत्र की भी समीक्षा की और सभी विभागों से मासिक अनुपालन रिपोर्ट मांगी। प्रशासनिक ज़िम्मेदारी की संस्कृति का आह्वान करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एक उत्तरदायी और ज़िम्मेदार सरकार सार्वजनिक संस्थानों में विश्वास की नींव है। हम सेवा वितरण में लापरवाही या उदासीनता बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने अधिकारियों को सभी विभागों में सेवा वितरण के प्रदर्शन की बारीकी से निगरानी करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे नागरिकों के प्रत्येक अनुरोध को प्राथमिकता दें और संबंधित अधिकारियों को जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया, ताकि लोगों को अधिनियम के तहत उनके अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी मिल सके। बैठक में वरिष्ठ नौकरशाहों और प्रमुख विभागों के प्रमुखों ने भाग लिया।——————————–
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
