Jammu & Kashmir

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एसकेआईसीसी मीट में क्रेता-निर्माता संबंधों को पुनर्जीवित करने का किया आह्वान

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एसकेआईसीसी मीट में क्रेता-निर्माता संबंधों को पुनर्जीवित करने का किया आह्वान

श्रीनगर 30 जून (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि क्रेता-विक्रेता मीट के माध्यम से सरकार, निर्माताओं और ग्राहकों के बीच सीधे संबंधों को फिर से स्थापित करके कश्मीर के कारीगरों और वैश्विक बाजार के बीच ऐतिहासिक संबंध को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मुख्यमंत्री ने यह बात एसकेआईसीसी में आयोजित क्रेता-विक्रेता मीट-2025 को संबोधित करते हुए कही। इस मीट का आयोजन जम्मू और कश्मीर व्यापार संवर्धन संगठन ने ऊन और ऊनी वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषद के सहयोग से किया था। इस मीट को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की एमएसएमई प्रदर्शन को बढ़ाने और तेज करने की योजना के तहत सहायता दी गई थी।

इस कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने भी संबोधित किया जो इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी, उद्योग सचिव विक्रमजीत सिंह, डब्ल्यूडब्ल्यूईपीसी के अध्यक्ष आरसी खन्ना, जेकेटीपीओ के प्रबंध निदेशक सुदर्शन कुमार, कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष जावेद अहमद टेंगा के साथ-साथ कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खरीदार, विक्रेता और अन्य हितधारक मौजूद थे।

इस मीट में 100 से अधिक विक्रेताओं और 45 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों ने भाग लिया जो सात देशों और सात भारतीय राज्यों का प्रतिनिधित्व करते थे। कार्यक्रम के दौरान 100 से अधिक उच्च गुणवत्ता वाले ऊन और ऊनी उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।

मीट के महत्व पर विचार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था जब इस तरह के क्रेता-विक्रेता मीट की आवश्यकता नहीं थी। दुनिया भर से पर्यटक कश्मीर आते थे और स्वाभाविक रूप से खरीदार बन जाते थे। उन्होंने कहा कि आज इस तरह की पहल के माध्यम से हम खरीदारों को वापस लाने और रचनाकारों और ग्राहकों के बीच संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए उस संबंध को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कार्यक्रम एक बार का शोकेस नहीं है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत हम छह नियमित क्रेता-विक्रेता मीट और छह रिवर्स मीट आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ये निरंतर जुड़ाव सुनिश्चित करेंगे और हमारे कारीगरों और उद्यमियों के लिए गहरी बाजार पहुंच प्रदान करेंगे। समावेशिता के महत्व को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग से उन कारीगरों और उद्यमियों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया जिन्हें अभी तक ऐसे मंचों में भाग लेने का अवसर नहीं मिला है, विशेष रूप से वे जिनके पास सीमित वित्तीय साधन हैं। उन्होंने जोर दिया कि ऐसी पहलों का वास्तविक लाभ सीधे कारीगरों तक पहुंचना चाहिए।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे कारीगरों द्वारा किए गए काम का श्रेय या लाभ कोई और न ले जाए। पहचान और पुरस्कार वास्तविक रचनाकारों को मिलना चाहिए। नवाचार और अनुकूलन का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कारीगरों को न केवल डिजाइन और उत्पाद विकास में बल्कि प्रक्रियाओं और बुनियादी ढांचे में भी आधुनिक बनने की जरूरत है। सरकार हमारे कारीगरों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्रभावी रूप से प्रतिस्पर्धा करने में मदद करने के लिए हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है चाहे वह कच्चा माल बैंक हो, रंग बैंक हो या डिजाइन नवाचार केंद्र हो।

यात्रा और निरंतर चुनौतियों पर विचार करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल पलक झपकते ही बीत गए लेकिन हमारे कई मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे कारीगरों के हाथों में जादू है और मैं सभी आगंतुकों से आग्रह करता हूँ कि वे प्रदर्शनी के स्टॉल पर इसे देखें। उन्होंने कहा कि कई प्रदर्शनियाँ वर्षों की समर्पित शिल्पकला का परिणाम हैं।

उन्होंने कहा कि आज मैंने जो एक चीज़ देखी, उसे पूरा होने में तीन साल से ज़्यादा का समय लगा। कुछ स्टॉल हमारी समृद्ध विरासत को दर्शाते हैं जबकि अन्य हमारे पारंपरिक शिल्प की आधुनिक व्याख्याएँ दिखाते हैं।

पुराने और नए का यह मिश्रण ज़रूरी है। अपने समापन भाषण में मुख्यमंत्री ने आने वाले खरीदारों को कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति का पता लगाने के लिए आमंत्रित किया।

मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि कश्मीर के सार का अनुभव करने के लिए श्रीनगर और उससे आगे की यात्रा करें। अपने साथ न केवल विश्व स्तरीय उत्पाद बल्कि अविस्मरणीय यादें लेकर जाएँ।

इससे पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी के साथ विक्रेताओं द्वारा लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण किया। उन्होंने खरीदारों और विक्रेताओं दोनों से बातचीत की और उनकी भागीदारी और प्रयासों की सराहना की।

(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह

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