HimachalPradesh

अधिकारियों के हाथों की कठपुतली बने मुख्यमंत्री : जयराम ठाकुर

मंडी में पत्रकारों से बता करते हुए जयराम ठाकुर।

मंडी, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर सत्ता संचालन अस्त-व्यस्त होकर रह गया है। मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि जिन अधिकारियों के प्रति लोगों की धारणा अच्छी नहीं है, जिनकी ईमानदारी को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं। ऐसे अधिकारियों से व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर गलत काम करवाए गए, अब मुख्यमंत्री उनके हाथों की कठपुतली बनकर रह गए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार के व्यवस्था परिवर्तन को लेकर गलत तरीके से इंतजाम में लगे रहे और नेतृत्व भी उनके आगे बेबस नजर आया। उन अधिकारियों के पास सरकार के बहुत बड़े राज हैं, जिस कारण न तो मुख्यमंत्री उन्हें कोई दायित्व दे पा रहे हैं और न ही हटा पा रहे हैं। ऐसे में सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी का पद अस्थाई चल रहा है। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण दायित्व वाले अधिकारियों की छवि संदिग्ध है, अगर उन्हें हटाएंगे तो राज खुलेंगे और अगर नहीं हटाए तो लोग सवाल पूछेंगे। जयराम ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार को एफआईआर करने की सनक सवार हो गई है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री होते हुए भी वह छोटे दिलवाले छुटभैया नेताओं के चंगुल में फंसकर वैसी ही हरकतें कर रहे हैं। उनकी नाकामी के खिलाफ जहां से भी कोई आवाज उठती है, सीधे मुकदमा कर दो, जेल में भेज दो, परिवार का बिजनेस है तो तबाह कर दो, परिजनों को परेशान करो यही नीति सरकार चला रही है। उन्होंने कहा कि बीते कल इस सरकार ने बच्चों पर भी एफआईआर दर्ज कर दी। कारण केवल इतना था कि उन्होंने खाना न मिलने की शिकायत की थी। कार्यक्रम में बच्चों को बुलाया गया, किसी तंत्र से भोजन का प्रबंध भी करवाया गया और बच्चियों को खाने के नाम पर घंटों धूप में बैठाया गया। जब उन्होंने विरोध किया तो उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कर दिया गया। ऐसे ही अगर कोई पत्रकार कुछ बोले तो उसके खिलाफ एफआईआर, कोई नेता बोले तो उसके खिलाफ मुकदमा, ताकि सरकार की नाकामी के खिलाफ कोई आवाज ही न उठ सके। जिनके खिलाफ मुकदमा न कर पाओ, उनके खिलाफ करोड़ों रुपए खर्च कर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए घटिया भाषा में सोशल मीडिया पर अभियान चलाओ, और फिर भी उस पर कोई कार्रवाई न करवाओ। निकम्मापन और तानाशाही का शासन चल रहा है।

उन्होंने कहा कि लोकसंपर्क विभाग में किसी एजेंसी को जोड़ा गया उसके द्वारा फेक अकाउंट बनाकर उनके खिलाफ हर रोज तीन से चार ऐसी पोस्ट डाली जाती है, जिससे व्यक्तिगत रूप से छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। जयराम ने कहा कि वे सारा रिकार्ड इक्टठा कर रहें और मामले को लेकर कोर्ट जाएंगे और मुख्यमंत्री को भी पार्टी बनाने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का प्रचार करने के बजाय हमारी छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा के बाद हिमाचल प्रदेश के लोगों को सरकार ने मरने के लिए छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सैंकड़ों सड़कें बंद पड़ी है, उन पर वाहन नहीं चल रहे हैं। उसी प्रकार पेयजल परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई है, लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। बर्फबारी और बारिश की वजह से पारा गिर गया है, सर्दियां शुरू हो गई है। जिन परिवारों ने अपने घर खो दिए हैं, लोगों के घर गिर गए हैं और वे शटर में परिवार के साथ रह रहे हैं, कुछ लोग अपने रिश्तेदारों और सरकारी भवनों में रह रहें। उनके लिए तैयार योजना पर कार्य नहीं हो रहा है। उनके रहने लिए अस्थाई व्यवस्था अब तक जमीन पर नहीं उतरी। जबकि केंद्र से लगातार मदद मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वंय आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हिमाचल को 1500 करोड़ रूपए की मदद देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं रह गया है, हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। उन्होंने कहा कि सराज विधानसभा क्षेत्र के रूसाड़ागाड़ के लिए जो सड़क 15 साल पहले बनी थी और आपदा में बह गई, उसे बनाने से सरकार क्यों रोक रही है। जबकि हाई कोर्ट के निर्देश एकदम स्पष्ट हैं। जिस स्थान पर सड़क बनने से सरकार रोक रही है, वहां तीन-तीन जिंदगियां दफन हैं। क्या सरकार की संवेदना और नैतिकता भी मर गई है कि वह लाशों को भी सम्मान न दे सके। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार और उसके लोग आपदा को लूट का अवसर बना रहे हैं। सड़कों पर मलबा पड़ा है और उसे उठाए बिना ही बिल पास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता संरक्षित नेता पैसा अपनी जेब में डाल रहे हैं। सरकार और उसके लोगों का ध्यान आपदा प्रभावितों को राहत देने पर नहीं, बल्कि लूटने पर है। केंद्र सरकार द्वारा आपदा राहत के लिए भेजी गई 5500 करोड़ रुपए की धनराशि में से केवल 300 करोड़ रुपए ही प्रभावितों तक पहुंचे हैं, बाकी पैसे का सरकार के पास कोई हिसाब नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1500 करोड़ के विशेष पैकेज की स्वीकृति प्रदान की थी। यह पैसा भी सरकार चाहती है कि उनकी जेब में आए और उसे आपदा प्रभावितों को देने की बजाय सरकार चलाने में खर्च करे जो होने वाला नहीं है। आपदा प्रभावितों के लिए आया पैसा केवल आपदा प्रभावितों को ही दिया जाएगा, सरकार उसे अपनी मर्जी से खर्च नहीं कर पाएगी। पत्रकारों द्वारा पश्चिमी बंगाल में भाजपा विधायक और सांसद पर हमले के सवाल पर उन्होंने कहा कि बंगाल में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हमले और उनकी हत्याओं की परिपाटी को ही परिपोषित किया गया है, जो लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

—————

(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

Most Popular

To Top