
मंडी, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश के 28 स्कूलों को डाउनग्रेड करने पर आड़े हाथों लिया है। जय राम ठाकुर ने बुधवार को सराज विधानसभा क्षेत्र के बगस्याड़ में सराज भाजपा के तीनों मंडलों के पदाधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की। बैठक में संगठन को और अधिक सशक्त व गतिशील बनाने के लिए आगामी कार्यक्रमों, जनसंपर्क अभियानों और संगठनात्मक गतिविधियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय राजा वीरभद्र सिंह के सबक को बड़ी जल्दी भूल गए। महज 48 घंटे पहले राज्य स्तरीय कार्यक्रम में स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के अनावरण के दौरान उन्होंने कहा था कि वीरभद्र सिंह जी ने एक बच्चे के लिए भी स्कूल खोला था। आज ही सरकार का नोटिफिकेशन सामने आया है कि सरकार ने 28 स्कूलों को डाउनग्रेड कर दिया है। अब उन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का क्या होगा? क्या बच्चे 10 किलोमीटर पैदल चलकर पढ़ने जाएंगे। लोकतांत्रिक देशों में सरकार का काम सोशल वेलफेयर स्टेट का होता है फ्रेंड्स वेलफेयर स्टेट का नहीं।
उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर 2022 को सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश की कमान संभाली थी तब से लेकर आज तक कुल 1038 दिन उन्होंने सरकार का कामकाज देखा है। इस दौरान उनके द्वारा 1448 स्कूल बंद किए गए हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो उन्होंने हर दिन एक से ज्यादा स्कूल यानी हर 2 दिन में तीन स्कूल बंद करने का नया रिकॉर्ड अपने नाम स्थापित किया है। इसी तरह इस प्रकार द्वारा डेढ़ हजार से ज्यादा अन्य प्रकार के संस्थान भी बंद किए गए हैं तो मुख्यमंत्री द्वारा हर दिन एक से ज्यादा संस्थान भी प्रदेशवासियों से छीने गए हैं। इस सरकार द्वारा 15000 से ज्यादा नौकरियां लोगों से ली गई है उस हिसाब से सरकार ने हर दिन 15 लोगों से रोजगार छीना है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में स्कूल बंद करने की बजाय प्रदेश के स्कूलों में छात्रों की संख्या कम क्यों हो रही है, उस पर विचार करने की जरूरत है? स्कूलों को बंद करने के लिए सरकार द्वारा जो तरकीब निकाली गई है वह भी एक आपराधिक साजिश की तरह है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से एचआरटीसी के मसले पर मुख्यमंत्री द्वारा एचआरटीसी के प्रबंधन पर सवाल उठाया गया है वह अपने आप में कई सवाल खड़े करता है? जिस तरीके से मुख्यमंत्री के कार्यों पर उपमुख्यमंत्री टिप्पणी करते हैं और उपमुख्यमंत्री के कार्यों पर मुख्यमंत्री टिप्पणी करते हैं उससे सरकार के बीच चल रही तनातनी सबके सामने आ जाती है।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा