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मुख्यमंत्री ने सरदार@150 के तहत यमुना प्रवाह यात्रा को दिखाई हरी झंडी

मुख्यमंत्री ने सरदार@150 के तहत यमुना प्रवाह यात्रा के दौरान।
मुख्यमंत्री ने सरदार@150 के तहत यमुना प्रवाह यात्रा को दिखाई हरी झंडी

जयपुर, 26 नवंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अपनी दूरदर्शी सोच, दृढ़ इच्छाशक्ति और साहसिक निर्णयों से भारत को एकजुट कर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि युवा सरदार पटेल के जीवन से प्रेरणा लेकर ‘राष्ट्र प्रथम’ को सर्वोपरि रखें तथा एक मजबूत, एकजुट तथा विकसित भारत के निर्माण में योगदान दें। श्री शर्मा ने सभी को संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने विश्व का सबसे बड़ा संविधान हमें दिया है तथा उसी आधार पर देश आगे बढ़ रहा है।

शर्मा ने बुधवार को अमर जवान ज्योति से सरदार@150 यूनिटी मार्च के अंतर्गत यमुना प्रवाह यात्रा के तहत आयोजित समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर पूरे देशभर में सरदार पटेल की 150वीं जयंती मनाई जा रही है। इसी के तहत यमुना प्रवाह यात्रा भी संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के तहत राजस्थान सहित विभिन्न प्रदेशों से युवा जयपुर से सरदार पटेल की जन्मभूमि कमरसद तक की यात्रा करेंगे। यह यात्रा युवाओं के लिए सरदार पटेल के जीवन, संघर्ष और देशभक्ति को करीब से जानने का अवसर है। साथ ही, युवाओं को सरदार पटेल के आदर्शों और मूल्यों को समझने का प्रत्यक्ष अनुभव भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल का स्वतंत्रता आंदोलन में अमूल्य योगदान रहा। बारडोली सत्याग्रह में उनकी प्रभावशाली भूमिका के कारण उन्हें सरदार की उपाधि दी गई। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और किसानों को अपने अधिकारों के लिए लड़ना सिखाया और सरदार पटेल जेल भी गए। लेकिन उन्होंने कभी अपने सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया।

शर्मा ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी तो मिली लेकिन विभाजन का दर्द भी सहना पड़ा। उस समय देश सैकड़ों टुकड़ों में बंटा हुआ था। उन्होंने कहा कि देश की 562 रियासतें स्वतंत्र इकाई थी। सरदार पटेल ने अपनी कूटनीति, दूरदर्शिता और कभी-कभी कठोरता का इस्तेमाल करते हुए प्रत्येक रियासत को भारत में मिलाना शुरू किया। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने ऑपरेशन पोलो चलाकर हैदराबाद तथा जनमत संग्रह कराकर जूनागढ़ को भारत में शामिल कराया। उन्होंने भारत की एकता और अखंडता को अपना सबसे बड़ा लक्ष्य बनाया और उसे पूरा करके दिखाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल की विरासत को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है। सरदार पटेल का अधूरा सपना प्रधानमंत्री ने कश्मीर से धारा 370 हटाकर पूरा किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भारत को एक सूत्र में बांध रहे हैं। पूरब से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक आज भारत एक हो रहा है। सरदार पटेल के योगदान को सम्मान देते हुए विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाई गई। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद देश में गरीब कल्याण, विकास योजनाओं, आतंकवाद-नक्सलवाद का खात्मा तथा विश्व पटल पर देश का सम्मान बढ़ने जैसे अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व भारत को उम्मीदों से देख रहा है तथा दुनिया के सबसे बड़े लीडर के नेतृत्व में देश नई ऊचाईयां छू रहा है।

शर्मा ने कहा कि सरदार पटेल का जीवन युवाओं और हर भारतीय के लिए प्रेरणा है। युवा पीढ़ी उनके जीवन से कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा, दृढ़ संकल्प, एकता तथा सादगी की पांच प्रमुख सीख ले सकती है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सरदार@150 यूनिटी मार्च के तहत यमुना प्रवाह यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पहले शर्मा ने अमर जवान ज्योति पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को नमन भी किया।

इस दौरान सांसद मदन राठौड़, मंजू शर्मा, विधायक कालीचरण सराफ, जितेन्द्र गोठवाल, गोपाल शर्मा, बालमुकुन्दाचार्य सहित बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran)