Madhya Pradesh

महाकालेश्वर की श्रावण-भादौ मास की दूसरी सवारी में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने बजाया डमरू

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने बजाया डमरू, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, केबीनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय एवं प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल भी हुए शिवमय
रामघाट पे की पूजा
करीब 2 लाख भक्त थे सवारी मार्ग पर

उज्जैन, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । सोमवार को भगवान महाकालेश्वर की श्रावण-भादौ मास की दूसरी सवारी में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव शामिल हुए। सवारी मार्ग पर बाबा महाकाल की अगवानी में डॉ.यादव ने जहां डमरू बजाया वहीं उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल एवं केबीनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी शिवमय हो गए।

हजारों भक्तों की भीड़ के बीच डॉ.यादव ने बाबा महाकाल के प्रति अपनी आस्था क अपरांह 4 बजे कोटी तीर्थ के समीप सभामण्डप में भगवान के मुखारविंद का पूजन डॉ. यादव ने किया। पश्चात पालकी को कांधा देकर मंदिर के बाहर लाया गया। यहां सशस्त्र पुलिस बल ने भगवान को सलामी दी। इसके बाद पुलिस बैण्ड की सुमधुर धुन पर भगवान महाकाल नगर भ्रमण पर निकल गए।

मंदिर से परंपरागत मार्गो से होकर पालकी शिप्रा नदी के रामघाट पहुंची। यहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा पूजन पश्चात पालकी को पुन: मंदिर के लिए परंपरागत मार्गो से होकर प्रस्थान करवाया गया। पालकी में भगवान का चंद्रमौलेश्वर स्वरूप विराजीत था वहीं हाथी पर मन महेश विराजीत थे।

दूसरी सवारी में मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशानुसार देश के आठ जनजातिय कलाकारो के दलों ने संस्कृति विभाग भोपाल, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश, संस्कृति परिषद व त्रिवेणी कला एवं पुरातत्वव संग्रहालय के माध्यम से पूरे सवारी मार्ग पर प्रस्तुति दी। जिसमें अज्जू सिसोदिया के नेतृत्व में झाबुआ का भगोरिया नृत्य, छवीलदास भावली के नेतृत्व में नाशिक महाराष्ट्र के जनजातीय सौगी मुखोटा नृत्य,बनसिंह भाई गुजरात के नेतृत्व में जनजातीय राठ नृत्य,खेमराज राजस्थान के नेतृत्व में गैर-घूमरा जनजातीय नृत्य शामिल थे।

इसी प्रकार उडीसा के लोकनृत्य शंख ध्वनि सुनील कुमार साहू के नेतृत्व में व छत्तीसगढ़ के लोकनृत्य लोकपंथी दल ने दिनेश कुमार जागड़े के नेतृत्व में सवारी के आगमन पर रामघाट पर प्रस्तुति दी। समान्तर रूप से अजय कुमार के नेतृत्व में हरियाणा के लोकनृत्य हरियाणवी घुमर और मध्यप्रदेश के छतरपुर के बरेदी लोकनृत्य दल ने रवि अहिरवार के साथ क्षिप्रा तट के दूसरी ओर दत्त अखाड़ा घाट पर सवारी के आगमन पर प्रस्तुति दी।

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

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