Assam

मुख्यमंत्री ने किया महिला उद्यमिता अभियान के अंतर्गत लाभार्थियों को चेक वितरित

मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा महिला उद्यमिता अभियान के अंतर्गत लाभार्थियों को चेक वितरित करते हुए।

डिब्रूगढ़ (असम), 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने आज डिब्रूगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान (एमएमयूए) के तहत 14,025 लाभार्थियों को बीज पूंजी के चेक वितरित किए। यह कार्यक्रम डिब्रूगढ़ के खनिकर मैदान में आयोजित एक विशाल जनसभा में संपन्न हुआ। इनमें से 7,777 लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों से तथा 6,248 शहरी क्षेत्रों से संबंधित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान के शुभारंभ के बाद से अब तक राज्य के 17 विधानसभा क्षेत्रों में पूंजी सहायता राशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि “अरुणोदय योजना” की सफलता के बाद अन्य कई राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और पश्चिम बंगाल ने असम की तर्ज पर समान योजनाएं शुरू की हैं।

डॉ. सरमा ने कहा कि जिस प्रकार अरुणोदय योजना ने महिलाओं की गरिमा और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया, उसी प्रकार महिला उद्यमिता अभियान उन्हें उद्यमी के रूप में स्थापित करने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि असम की 40 लाख महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और 4 लाख समूह सक्रिय हैं।

उन्होंने कहा कि “महात्मा गांधी ने कहा था कि असम की महिलाएं अपने सपने करघे पर बुनती हैं।” आज भी असम की महिलाएं उसी परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं। वीरांगना साधनी, सती राधिका, कनकलता और भोगेश्वरी फुकननी जैसी महिलाओं ने हमेशा समाज में जिम्मेदारी और साहस का परिचय दिया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘तीन करोड़ लखपति दीदी’ बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए असम सरकार 40 लाख महिलाओं को बीज पूंजी प्रदान करने जा रही है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि लाहोवाल ब्लॉक की मनीषा गोगोई नेओग अगरबत्ती बनाकर हर महीने 20 से 30 हजार रुपये कमा रही हैं। वहीं दिपाली खनिकर बकरी और मुर्गी पालन कर सालाना 1.5 लाख रुपये तक अर्जित कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य असम की मातृशक्ति के प्रति सरकार के सम्मान, स्नेह और आदर को दर्शाना है। पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपये दिए जा रहे हैं और जो महिलाएं इसका सदुपयोग करेंगी, उन्हें अगले वर्ष 25,000 रुपये तथा तीसरे वर्ष 50,000 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। इस प्रकार प्रत्येक लाभार्थी को तीन वर्षों में 85,000 रुपये तक की सहायता मिलेगी।

डॉ. सरमा ने कहा कि यदि असम की 40 लाख महिलाएं इस राशि का उपयोग कर आत्मनिर्भर बनेंगी, तो राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि 1 नवंबर से राशन कार्डधारक परिवारों को चावल के साथ दाल, नमक और चीनी भी रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं अरुणोदय योजना के लाभार्थियों को एलपीजी गैस खरीदने के लिए 250 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लड़कियों की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए निजुत मइना योजना, निःशुल्क कॉलेज प्रवेश, साइकिल और स्कूटी वितरण जैसी कई योजनाएं चला रही है। उन्होंने कहा कि असम सरकार का लक्ष्य है— राज्य की 40 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाना।

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, मंत्री प्रशांत फूकन, रंजीत कुमार दास, जोगेन महन, बिमल बोरा, विधायक बिनोद हजारिका, पोनाकन बरुवा, तेरेश गोवाला, तरंग गोगोई, सोनोवाल कछारी स्वायत्त परिषद के सीईएम टंकेश्वर सोनोवाल, मटक स्वायत्त परिषद के सीईएम डेविड चेतिया, डिब्रूगढ़ नगर निगम के मेयर डॉ. सैकत पात्रा, जिला परिषद अध्यक्ष पुष्पांजलि सोनोवाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति एवं स्वयं सहायता समूहों की सदस्याएं उपस्थित रहीं।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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