
-मार्घेरिटा में सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधा और अपशिष्ट से खाद बनाने वाले संयंत्र का भी किया उद्घाटन
तिनसुकिया (असम), 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । नलबाड़ी और जागीरोड निर्वाचन क्षेत्रों के अपने दौरे के बाद, मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार काे मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान (एमएमयूए) के दूसरे चरण में भाग लिया और मार्घेरिटा निर्वाचन क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की सदस्यों को चेक वितरित किए। इस योजना के तहत कुल 18,370 लाभार्थियों को 10 हजार रुपये के चेक प्रदान किए गए, जिनमें 16,603 ग्रामीण क्षेत्रों से और 1,767 नगरपालिका क्षेत्र से थे।
मार्घेरिटा के देहिंग स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित एक कार्यक्रम में, डॉ. सरमा ने असम में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को सरकार द्वारा निरंतर दिए जा रहे सहयोग पर प्रकाश डाला। इस सहयोग में वित्तीय सहायता और बैंक ऋण की सुविधा का प्रावधान शामिल है। उन्होंने बताया कि इन समूहों से जुड़ी महिलाएं बैंकिंग प्रणालियों से परिचित हो गई हैं, वस्तुओं के उत्पादन में संलग्न हो गई हैं और आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है। वर्तमान में, असम में 4 लाख स्वयं सहायता समूह हैं जिनमें लगभग 40 लाख महिलाएं भाग ले रही हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, 8 लाख महिलाएं अब सालाना एक लाख रुपये से अधिक कमा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इनमें से कुछ लखपति बाईदेवो को उनकी सफलता को मान्यता देने के लिए दिल्ली आमंत्रित किया था और असम सरकार उनकी उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि स्वयं सहायता समूहों में और अधिक महिलाएं इस उदाहरण का अनुसरण करेंगी।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि एमएमयूए पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई थी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत महिलाओं को पहले वर्ष में 10 हजार रुपये की प्रारंभिक पूंजी प्रदान की जाती है। दूसरे चरण में यह राशि बढ़कर 25 हजार रुपये और अगले वर्ष 50 हजार रुपये हो सकती है। महिलाएं इस धनराशि का उपयोग सामूहिक उपक्रमों के लिए या बुनाई, पशुपालन या कोई छोटा व्यवसाय शुरू करने जैसी व्यक्तिगत गतिविधियों के लिए कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त, यदि वे चाहें तो अपने पति के व्यवसाय में भी निवेश कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि इन प्रयासों को सहयोग देने के लिए, महिलाओं को असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और असम राज्य शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।
डॉ. सरमा ने 2021 के चुनावों के दौरान ओरुनोदोई योजना की शुरुआत को याद करते हुए कहा कि, इस धारणा के विपरीत कि चुनाव के बाद इसे बंद कर दिया जाएगा, यह योजना न केवल जारी रही बल्कि सब्सिडी राशि में भी वृद्धि हुई – 830 रुपये से 1,000 रुपये और फिर 1,250 रुपये। उन्होंने कहा कि इस वर्ष से, यह योजना महिलाओं को रसोई गैस सिलेंडर खरीदने में मदद करेगी, और प्रत्येक लाभार्थी को 1,500 रुपये प्रति माह मिलेंगे। उन्होंने कहा कि ओरुनोदोई योजना से अब लगभग 36 लाख महिलाओं को लाभ होगा।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने एमएमयूए की अनुमानित लागत पर चर्चा की, जिसका अनुमान 4,000 करोड़ रुपये है। जब महिलाओं को 25 हजार रुपये मिलेंगे, तो कुल लागत 10 हजार करोड़ रुपये होगी, और बाद के वर्षों में, जब यह राशि बढ़कर 50 हजार रुपये हो जाएगी, तो कुल खर्च बढ़कर 20 हजार करोड़ रुपये हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि ओरुनोदोई योजना के लिए प्रति माह 400 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जो सालाना 4,800 करोड़ रुपये के बराबर है। उन्होंने कई अन्य पहलों का भी उल्लेख किया, जैसे कि निजुत मोइना योजना, जिसके तहत उच्चतर माध्यमिक, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की छात्राओं को क्रमशः 1000 रुपये, 1250 रुपये और 2500 रुपये मिलेंगे। उन्होंने बताया कि एक नवंबर से सरकार राशन कार्डों के माध्यम से मुफ्त चावल के साथ-साथ दाल, चीनी और नमक पर रियायती दर पर वितरण करेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछली किसी भी सरकार ने महिलाओं के लिए इतने व्यापक कल्याणकारी कार्यक्रम शुरू नहीं किए थे।
इस कार्यक्रम में उद्योग एवं वाणिज्य तथा लोक उद्यम मंत्री और तिनसुकिया ज़िले के संरक्षक मंत्री बिमल बोरा, ऊर्जा मंत्री प्रशांत फुकन, श्रम कल्याण मंत्री रूपेश ग्वाला, सांसद रामेश्वर तेली, विधायक संजय किशन, बोलिन चेतिया, सुरेन फुकन, भास्कर शर्मा, असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के राज्य मिशन निदेशक कुंतल मोनी सरमा बोरदोलोई और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने तिनसुकिया जिले में एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना – मार्घेरिटा में मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी और अपशिष्ट से खाद बनाने वाले संयंत्र का उद्घाटन किया। तिनसुकिया जिला प्रशासन और मार्घेरिटा नगर निगम बोर्ड द्वारा लगभग 6 करोड़ की लागत से निर्मित यह संयंत्र प्रतिदिन 50 मीट्रिक टन नगरपालिका अपशिष्ट का प्रसंस्करण करेगा। उन्होंने परियोजना स्थल पर एक नीम का पेड़ भी लगाया। —————————
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
