Uttrakhand

कैंपा फंड का उपयोग राज्य में पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए करें: मुख्यमंत्री धामी

सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उत्तराखंड कैंपा की बैठक करते।

देहरादून, 01 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने और वनों पर आश्रित समुदायों के कल्याण के लिए कैंपा (क्षतिपूर्ति वनीकरण निधि) फंड का अधिकतम और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उत्तराखंड कैंपा (क्षतिपूर्ति वनीकरण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) शासी निकाय की बैठक हुई। बैठक में कैंपा निधि के अंतर्गत संचालित योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंपा फंड का उपयोग राज्य में वनों के सतत प्रबंधन, वानिकी विकास, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने तथा वनों पर आश्रित समुदायों के कल्याण के लिए किया जाए। देहरादून शहर में ग्रीन कवर बढ़ाने और कैम्पा फंड इस्तेमाल के लिए केंद्र सरकार के स्तर से भी अनुमति प्राप्त करने की कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन क्षेत्रों में जलस्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवीकरण को शीर्ष प्राथमिकता में रखा जाए। इसके लिए वन विभाग के साथ पेयजल, जलागम, ग्राम्य विकास और कृषि विभाग संयुक्त रूप से कार्ययोजना तैयार करें। उन्होंने वनाग्नि रोकथाम के लिए आधुनिक तकनीक और सामुदायिक भागीदारी के जरिए व्यापक रणनीति बनाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वृक्षारोपण के कार्य में केवल पौधे लगाने तक सीमित न रहकर पौधों के सर्वाइवल रेट पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कैंपा निधि से संचालित परियोजनाओं की गुणवत्ता, समयबद्धता एवं प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए नियमित समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने हरेला पर्व पर प्रदेश में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण करने के निर्देश दिए। इसमें फलदार, औषधीय गुणों से युक्त पौधे अधिक लगाये जाएं। उन्होंने कहा कि पौधारोपण के लिए जन सहभागिता सुनिश्चित की जाए और लोगों को एक पेड़ मां के नाम लगाने के लिए प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गौरा देवी की जन्म शताब्दी पर वन विभाग की ओर से सभी डिविजन में फलधार पौधे लगाए जाएं।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि स्थानीय लोगों को वन संरक्षण के कार्यों से जोड़ने के लिए स्वरोजगार और आजीविका आधारित कार्यक्रम चलाए जाएं ताकि वन संपदा के सतत उपयोग और संरक्षण में उनकी भागीदारी बढ़ाई जा सके।

बैठक में विधायक भूपाल राम टम्टा, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव वन आर.के. सुधांशु, प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा, सचिव राधिका झा, चन्द्रेश कुमार, एस एन.पाण्डेय, श्रीधर बाबू अदांकी और वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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