Gujarat

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दी नववर्ष की शुभकामनाएं, ‘हर घर स्वदेशी’ पर जोर

શાહીબાગ ડફનાળા ખાતે પોલીસ ઓફિસર્સ મેસ
મુખ્યમંત્રી એ નૂતન વર્ષે ભદ્રકાળી માતાજીના મંદિરે પૂજા-અર્ચના કરી

-मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने विक्रम संवत 2082 के शुभारंभ पर राज्य के सभी नागरिकों को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं

गांधीनगर, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने विक्रम संवत 2082 के प्रारंभ पर सभी नागरिकों को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कामना की कि नया साल गुजरात के लिए सुख, समृद्धि और प्रगति का शिखर लाए।

राज्य सूचना विभाग ने अपने बयान में बताया कि इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से ‘हर घर स्वदेशी’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को आत्मसात करने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न में सहभागी होने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने नूतन वर्ष के प्रारंभ पर अहमदाबाद में लाल दरवाजा के निकट स्थित भद्रकाली माताजी का दर्शन-पूजन किया और मां भद्रकाली से राज्य के नागरिकों की सुख, शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

इसके बाद, मुख्यमंत्री ने शाहीबाग स्थित एनेक्सी सर्किट हाउस में शहर के गणमान्य व्यक्तियों एवं आम नागरिकों से मुलाकात कर नए साल की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया।

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा, शहरी विकास एवं शहरी गृह निर्माण राज्य मंत्री दर्शनाबेन वाघेला, सांसद दिनेशभाई मकवाणा, अहमदाबाद की महापौर प्रतिभा जैन, स्थानीय विधायक, अग्रणी और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे।

इसके बाद, मुख्यमंत्री शाहीबाग डफनाला स्थित पुलिस ऑफिसर्स मेस पहुंचे, जहां उन्होंने नूतन वर्ष के अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों एवं उनके परिवारजनों से मुलाकात कर उन्हें नए साल की शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी, मुख्य सचिव पंकज जोशी, राज्य पुलिस महानिदेशक विकास सहाय, अहमदाबाद पुलिस आयुक्त जी.एस. मलिक सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं उनके परिवारजन उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि विक्रम संवत 2082 का प्रारंभ 30 मार्च 2025 से होता है। यह हिंदू नववर्ष की शुरुआत का दिन है, जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को आता है। हालांकि, गुजरात में विक्रम संवत 2082 की शुरुआत 22 अक्टूबर 2025 को दिवाली के अगले दिन होती है।इस प्रकार, एक ही कैलेंडर प्रणाली (विक्रम संवत) होने के बावजूद, क्षेत्रीय रीति-रिवाज, कृषि चक्र और पंचांग की भिन्न गणनाओं के कारण गुजरात और देश के अन्य हिस्सों में नव वर्ष अलग-अलग समय पर मनाया जाता है।

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(Udaipur Kiran) / Abhishek Barad

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