
– मुख्यमंत्री ने सोतिया पुलिस स्टेशन को पर्यटन स्थल में बदलने के लिए 5 करोड़ रुपये की परियोजना का किया शिलान्यास -असम में जापानी भाषा का प्रशिक्षण इस वर्ष नवंबर से होगा शुरू
दिसपुर, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा आज सोतिया दिवस पर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सोतिया पुलिस स्टेशन को पर्यटन स्थल में बदलने के लिए 5 करोड़ रुपये की परियोजना का भी शिलान्यास किया।
गौरतलब है कि 20 अगस्त, 1942 को आज ही के दिन, सोतिया के वीर स्वतंत्रता सेनानियों ने सोतिया पुलिस स्टेशन पर भारतीय तिरंगा फहराकर इतिहास रच दिया था। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ऐसा करने वाला यह भारत का पहला सरकारी कार्यालय बन गया था। मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि 20 सितंबर को प्रत्येक पुलिस स्टेशन पर तिरंगा फहराने के आह्वान से प्रेरित होकर, सोतिया के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने 20 अगस्त, 1942 को राष्ट्रीय ध्वज फहराया। क्षेत्र के लोगों की भारी भीड़ के बावजूद, यह पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। उन्होंने आगे कहा, यह क्षण भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था क्योंकि इसने हमारे राष्ट्र के स्वतंत्रता संग्राम की समझ को व्यापक बनाया। ध्वजारोहण ने यह भी दर्शाया कि कैसे सोतिया जैसे छोटे शहरों ने स्वतंत्रता आंदोलन में साहसी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा, सोतिया दिवस केवल क्षेत्रीय इतिहास नहीं है, यह इस बात की याद दिलाता है कि सामूहिक साहस और मौन संकल्प वर्षों से चले आ रहे उत्पीड़न को चुनौती दे सकते हैं। इसे मनाने से हमारी साझी विरासत समृद्ध होती है और नई पीढ़ी को हमारी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले हमारे नायकों का सम्मान करने की प्रेरणा मिलती है। राष्ट्र उनके बलिदान को सदैव याद रखेगा और संजोकर रखेगा, क्योंकि हम अपने राष्ट्र के अमृत काल का जश्न मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 20 अगस्त, 1942 को सोतिया पुलिस स्टेशन पर ध्वजारोहण के सभी पहलुओं को दर्शाने वाली एक फिल्म बनाने के लिए वित्तीय और अन्य सहायता प्रदान करेगी।
डॉ. सरमा ने नई दिल्ली में आयोजित एक चर्चा का उल्लेख करते हुए कहा कि उस चर्चा में भाग लेते हुए, उन्होंने ज़ोर देकर कहा था कि सोतिया देश का पहला पुलिस स्टेशन था, जहां स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था। चूंकि इस घटना का पर्याप्त प्रचार नहीं किया गया था, इसलिए कई लोगों ने उनसे जानकारी के स्रोत के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि इस घटना का उल्लेख हेरम्बा कुमार बोरपुजारी द्वारा लिखित ‘असम में स्वतंत्रता आंदोलन’, सूर्य कुमार भुइयां द्वारा लिखित ‘असम में भारत छोड़ो आंदोलन’ और अमलेंदु गुहा द्वारा लिखित ‘असम में भारत छोड़ो आंदोलन’ में किया गया है। इसके अलावा, इस घटना का उल्लेख असम सरकार के जिला राजपत्र, राष्ट्रीय अभिलेखागार आदि में भी मिलता है। उन्होंने कहा कि 20 अगस्त को ध्वजारोहण, कनकलता बरुवा द्वारा आत्म-बलिदान आदि घटनाओं ने असम के इतिहास को समृद्ध किया है। उन्होंने बताया कि विधायक पद्म हियाजारिका के नेतृत्व में असम विधानसभा में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सोतिया की भूमिका पर एक विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम में सोतिया की भूमिका को पर्याप्त रूप से स्वीकार किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार ने सोतिया के सर्वांगीण विकास के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें बारेसहरिया भओना को बढ़ावा देना और इसे एक नया आयाम देना, स्वतंत्रता सेनानी भूमिधर बोरदोलोई मेमोरियल स्टेडियम और अस्पताल, त्यागबीर हेम बरुवा कॉलेज में बुनियादी ढांचे का विकास, सह-जिला का निर्माण आदि शामिल हैं, जिन्होंने सोतिया के लोगों के उद्देश्यों और आकांक्षाओं को पूरा किया है। उन्होंने कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने में सोतिया की भूमिका की सराहना की। मुख्यमंत्री ने राज्य के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और राज्य को उत्पादन के केंद्र में बदलने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जहां राज्य के युवाओं को कम मजदूरी आय के लिए बाहर नहीं जाना पड़े। एडवांटेज असम 2.0 का जिक्र करते हुए, जिसमें 5,00000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव शामिल थे, डॉ. सरमा ने कहा कि असम को किसी उद्योगपति के लिए नहीं, बल्कि राज्य के युवाओं को वापस लाने के लिए औद्योगीकरण की आवश्यकता है। सोतिया में दो हजार बीघा भूमि पर स्थापित किए जा रहे औद्योगिक संयंत्र के बारे में बात करते हुए डॉ. सरमा ने कहा कि यह औद्योगिक संयंत्र राज्य में टाइल्स के निर्माण के लिए समर्पित होगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार राज्य को सभी मोर्चों पर आगे ले जाने और लोगों के अदम्य साहस व आत्मविश्वास के आधार पर इसे सुदृढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आगामी नवंबर से राज्य सरकार राज्य में जापानी भाषा सिखाने के लिए कुछ केंद्र शुरू करेगी। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने सोतिया स्थित ओपन बिहू मैदान में एक परिसर के निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपये की परियोजना की भी घोषणा की।
विधायक पद्म हजारिका, गणेश लिम्बु, प्रमोद बोरठाकुर, उत्पल बोरा, कृष्ण कमल तांती, दिगंत घटोवार, स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्य और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
इससे पहले, मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने जामुगुरीहाट स्थित त्यागबीर हेम बरुवा कॉलेज में दो बालिका छात्रावासों और उनके मुख्य द्वारों का लोकार्पण किया, जिससे शैक्षणिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और स्थापत्य विरासत के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
