कोलकाता, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवज्ञानम सोमवार को सेवानिवृत्त हो गए। उनकी जगह न्यायमूर्ति सौमेन सेन को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। इस संबंध में सोमवार को केंद्र सरकार के कानून मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई।
न्यायमूर्ति शिवज्ञानम का सोमवार को अदालत में अंतिम कार्यदिवस था। उनके बाद उच्च न्यायालय में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति सौमेन सेन हैं, इसलिए उन्हें अस्थायी तौर पर इस पद पर नियुक्त किया गया है।
हालांकि, उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने गत शुक्रवार को न्यायमूर्ति सेन को मेघालय उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी। इसी बीच केंद्र सरकार की अधिसूचना आई है, जिसके बाद माना जा रहा है कि कॉलेजियम की सिफारिश के अनुसार जल्द ही उन्हें मेघालय स्थानांतरित होना पड़ सकता है। ऐसे में कलकत्ता उच्च न्यायालय का स्थायी मुख्य न्यायाधीश कौन होगा, इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
कानून मंत्रालय की अधिसूचना में लिखा गया है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 223 के तहत 15 सितंबर को न्यायमूर्ति टी.एस. शिवज्ञानम के सेवानिवृत्त होने के बाद राष्ट्रपति ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सौमेन सेन को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है।
न्यायमूर्ति सौमेन सेन 13 अप्रैल 2011 से कोलकाता उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं। उनकी सेवा अवधि 26 जुलाई 2027 तक है। उन्होंने कई अहम मामलों की सुनवाई की है। हालांकि, इससे पहले एक बार वे सुर्खियों में तब आए थे जब उनका टकराव पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगोपाध्याय से हुआ था।
मेडिकल कॉलेज में दाखिले से जुड़े एक मामले में न्यायमूर्ति गांगोपाध्याय ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था। लेकिन न्यायमूर्ति सेन की डिवीजन बेंच ने उस आदेश को खारिज कर दिया। बाद में डिवीजन बेंच के आदेश को त्रुटिपूर्ण बताते हुए न्यायमूर्ति गांगोपाध्याय ने भी उसे रद्द कर दिया और सीबीआई को जांच जारी रखने को कहा। दोनों न्यायाधीशों के बीच यह विवाद इतना बढ़ा कि उच्चतम न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा था।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
