
कोलकाता, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने दक्षिण 24 परगना जिले के जिला मजिस्ट्रेट से उस शिकायत पर रिपोर्ट तलब करने का निर्णय लिया है जिसमें दावा किया गया है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की एक महिला पार्षद के पास दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से मतदाता पहचान पत्र हैं।
सीईओ कार्यालय सूत्रों के अनुसार, जिला मजिस्ट्रेट और जिला निर्वाचन अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल इस मामले में आगे की कार्रवाई को लेकर आवश्यक निर्देश जारी करेंगे।
संभावना है कि संबंधित पार्षद को नोटिस जारी कर इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। उनके जवाब के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
सीईओ कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के दौरान मृत मतदाताओं और दोहरे मतदाताओं के नाम हटाने पर विशेष जोर दिया है। आयोग के निर्देशानुसार, इस बार ऐसे सभी मामलों को अत्यंत गंभीरता से लिया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, जिन तृणमूल कांग्रेस पार्षद पर दोहरे मतदाता पहचान पत्र रखने का आरोप है, उनका नाम नमिता सरदार है। वह दक्षिण 24 परगना जिले के ही बारुईपुर नगर पालिका के वार्ड संख्या सात से पार्षद हैं। उनके नाम मतदाता सूची में बारुईपुर पश्चिम और कुलतली—दोनों विधानसभा क्षेत्रों में दर्ज बताए गए हैं।
नमिता सरदार के पति बिबास सरदार बारुईपुर (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के विधायक हैं।
इस मामले को पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने निर्वाचन आयोग के संज्ञान में लाया। उन्होंने अपने साथ साक्ष्य स्वरूप कई दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं। अधिकारी ने आयोग से अनुरोध किया है कि नमिता सरदार के दूसरे वोटर आईडी को तत्काल रद्द किया जाए और उनके विरुद्ध चुनाव कानून का उल्लंघन करने पर प्राथमिकी दर्ज की जाए।
मंगलवार को शुभेंदु अधिकारी ने यह भी जानकारी दी कि जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर का नाम भी दो राज्यों—बिहार और पश्चिम बंगाल—की मतदाता सूची में दर्ज है। बिहार के रोहतास जिले के कारगहर विधानसभा क्षेत्र (209) और रोहतास लोकसभा क्षेत्र के साथ-साथ कोलकाता दक्षिण लोकसभा क्षेत्र के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र (159) में भी उनका नाम पंजीकृत है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर