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रालमवासियों के आतिथ्य व समर्पण से गदगद हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त, पत्र लिखकर जताया आभार

 (Udaipur Kiran) ।

– गत 16 अक्टूबर को मौसम खराबी के कारण हेलीकॉप्टर की हुई थी इमरजेंसी लैंडिंग

देहरादून, 21 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने खराब माैसम के चलते हेलीकाॅप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग के दाैरान

सेवा, आतिथ्य और समर्पण के लिए पिथौरागढ़ जिले के धारचूला विधानसभा क्षेत्र स्थित रालम गांव वासियों का आभार व्यक्त किया है। उन्हाेंने आईटीबीपी के जवानों की भी सराहना की है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने इस आशय का एक पत्र मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखंड डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम और आईटीबीपी के महानिदेशक को पत्र लिखा है। मुख्य निर्वाचित आयुक्त ने सेवा, आतिथ्य और समर्पण के लिए रालम गांव वासियों का आभार व्यक्त किया और पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में तैनात आईटीबीपी के जवानों की सराहना की।

दरअसल, मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार गत 16 अक्टूबर को पिथौरागढ़ जिले के धारचूला विधानसभा क्षेत्र के दूरस्थ एवं हाई-एल्टीट्यूड मतदान स्थलों में शामिल ग्राम मिलम, मरतोली, गनघर एवं पांछू आदि में निर्वाचन प्रक्रिया के संचालन एवं संपादन के संबंध में धरातलीय अध्ययन के लिए प्रवास पर आए थे। भ्रमण के दौरान मौसम की खराबी के कारण मुख्य निर्वाचन

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने अपने पत्र में लिखा है कि कहावत है कि डूबते को तिनके का सहारा, हम सबके साथ यह कहावत उस समय चरितार्थ हुई जब यह तीन सदस्यीय दल देवदूत बनकर ग्राम रॉलम पहुंचा। इस दल के साथ उनका पालतू श्वान भी था, जो दल में चौथे सुरक्षा कवच की भूमिका निभा रहा था।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने अपने पत्र में रॉलम वासियों की सेवा समर्पण की सराहना करते हुए लिखा कि सभी युवा देवदूतों ने मानवता के उच्च आदर्शों का पर्याय बनते हुए हम सबकी जीवनरक्षा के लिए इस दिन को अविस्मरणीय यादों में अलंकृत कर दिया। आपदा प्रबंधन में स्थानीय निवासियों की भागीदारी की इस मिसाल को ‘एज ए फस्ट रिस्पॉंडर’ की पॉलिसी को प्रशासन सशक्त रूप से अपनाएगा। स्थानीय निवासियों को प्रेरित एवं सम्मानित करेगा। उन्होंने सभी को हृदय की गहराइयों से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए स्वस्थ जीवन एवं दीर्घायु की कामना की।

उल्लेखनीय है कि आयुक्त के हेलीकाॅप्टर ने पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी तहसील स्थित रॉलम गांव में दोपहर लगभग 12.30 बजे एहतियातन इमरजेंसी लैंडिंग की थी। रॉलम ग्राम भौगोलिक रूप से उच्च हिमालयी, हिमाच्छादित क्षेत्र में होने के कारण इसके सभी निवासी अपने शीतकालीन प्रवास ग्राम पातौं आदि में कुछ दिन पहले ही शिफ्ट हो गए थे। उस समय पूरा रॉलम गांव खाली था। रॉलम का शीतकालीन प्रवास पातौं गांव के ईश्वर सिंह नबियाल के साथ सुरेंद्र कुमार एवं भूपेंद्र सिंह ढकरियाल क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थिति एवं लगातार हो रही वर्षा हिमपात जैसी मौसम की प्रतिकूलता के बावजूद अपनी जान की परवाह किए बिना 38 किमी से अधिक पैदल दूरी के पहाड़ी अति दुर्गम रास्तों से चलकर रात्रि लगभग एक बजे जीवनरक्षक सामग्री व खाद्य सामग्री सहित ग्राम रॉलम पहुंचे थे।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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