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छत्तीसगढ़ जीएसटी विभाग ने सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान पहुँचाने वाले आपराधिक गिरोह का किया पर्दाफाश

जीएसटी विभाग द्वारा  जब्त  1.64 करोड़ रुपये कैश और सोना और आरोपित फरहान

रायपुर, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ जीएसटी विभाग ने शुक्रवार को 170 से अधिक बोगस बिलों के माध्यम से सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुँचाने वाले एक आपराधिक गिरोह का पर्दाफाश किया। इसका सरगना जीएसटी के कर सलाहकार मो. फरहान सोरठिया को बताया गया है।

जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि 17 सितंबर को फरहान के चाचा मो. अब्दुल लतीफ सोरठिया के आवास में सर्च (जांच) किया गया। वहां अधिकारियों को 1 करोड़ 64 लाख रुपये और 400 ग्राम सोने के 4 बिस्किट मिले। विभाग के अधिकारियों ने इसे जब्त कर के आयकर विभाग को सूचना दे दी है।

राज्य जीएसटी की बी.आई.यू. टीम ने जीएसटी एनालिटिक्स और इंटेलिजेंस नेटवर्क तथा जीएसटी प्राईम पोर्टल का उपयोग करके बोगस फर्म और बोगस बिल तैयार करने वाले सिंडिकेट का पता लगाया है। आरोपित मो. फरहान सोरठिया के ऑफिस में 12 सितंबर को जांच की गयी। जांच के दौरान यहां से 172 फर्मों के बारे में जानकारियां मिली। फरहान ने अपने 5 ऑफिस स्टॉफ को फर्मों का पंजीयन कराने, रिटर्न फाइल करने और ई-वे बिल तैयार करने के लिये रखा था। इसके अलावा मास्टर माइंड के आफिस से बोगस पंजीयन के लिये किरायानामा, सहमति पत्र, एफिडेविट तैयार करने के भी साक्ष्य मिले हैं।

आरोपित ने 26 बोगस फर्मों से ही 822 करोड़ का ई-वे बिल जनरेट किया, जबकि रिटर्न में 106 करोड़ रुपये का ही टर्नओवर दिखाया गया है। केवल इन फर्मों से ही राज्य को 100 करोड़ रूपये के जीएसटी का नुकसान होने का प्रारंभिक आंकलन है। जीएसटी अधिकारियों द्वारा इन फर्मों से करोड़ों रुपये के जीएसटी फ्रॉड की राशि की गणना की जा रही है। इस प्रकरण में कई ब्रोकर, स्क्रैप डीलर और इनपुट टैक्स क्रेडिट के लाभ लेने वाली कम्पनियाँ भी विभाग के जांच के दायरे में है।

उल्लेखनीय है कि स्टेट जीएसटी ने एक माह पहले अगस्त माह में 19.65 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी करने वाले लोहा कारोबारी अंकित सिंह को गिरफ्तार किया है जिसे 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था ।कारोबारी के ठिकानों पर तलाशी के दौरान पता चला था कि मेसर्स जय बजरंग लोहा प्राईवेट लिमिटेड एवं मेसर्स श्री पशुपतिनाथ लोहा एंड स्टील ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड का संचालन करता था। इसकी आड़ में 18 बोगस कारोबारियों से बिना लेनदेन किए 2024-25 और 2025-26 में फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स केडिट (आईटीसी) का फर्जीवाड़ा किया गया। उसके फर्म से बोगस बिलिंग, फर्जी रबर स्टैण्ड और लेनदेन का दस्तावेज बरामद किया गया था।

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(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा

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