
पटना, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) ।
लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर राजधानी पटना समेत पूरे बिहार के घाटों और तालाब को पूरी तरह से सजा दिया गया है। श्रद्धा और आस्था के इस महापर्व का पहला अर्घ्य सोमवार को ‘पूर्वाषाढ़ा’ नक्षत्र में अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को दिया जाएगा, जबकि मंगलवार को ‘उत्तराषाढ़ा’ नक्षत्र में उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
पटना में 78 घाटों पर व्रती अर्घ्य देंगी।
मंगलवार की सुबह ‘उभयचर’ और ‘अमलाकृति’ जैसे शुभ योग बन रहे हैं, जो छठ व्रत को और अधिक फलाद्यमिज़ाज बनाते हैं। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती 36 घंटे के निर्जला व्रत के बाद प्रसाद ग्रहण कर व्रत तोड़ेंगे। पं. जलभर झा ने बताया कि डूबते सूर्य को सूर्य से आधा घंटा पहले और उदयमान सूर्य के लाल होने के बाद अर्घ्य देना शुभ होता है।
रविवार को छठ व्रत के दूसरे दिन ‘खरना’ पूजा बड़ी श्रद्धा और भक्ति भाव से संपन्न हुआ। व्रतियों ने केले के पत्ते पर अरवा चावल, गंगाजल, दूध, गुड़ से बनी खीर, रोटी और केला प्रसाद के रूप में ग्रहण किया।
छठ महापर्व को देखते हुए पूरे बिहार में प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था पुख्ता कर रखा है। राजधानी पटना 35 प्रमुख गंगा घाटों पर 187 ब्लूटूथ कैमरे लगे हुए हैं जिनमें हर गतिविधि पर निगरानी रखी जाएगी। पटना जिले में गंगा और उसकी सहायक नदियों के 550 घाटों पर छठ व्रत होते हैं, जिन पर 444 संगतों की परंपराएं मनाई जाती हैं। इसके अलावा सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य विभाग में भी फिजीशियन मेडिकल रिसर्च की नियुक्ति की गई है ताकि किसी भी राज्य में तत्काल सहायता उपलब्ध करायी जा सके।
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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी