Haryana

गुरुग्राम: उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व संपन्न

गुरुग्राम के सेक्टर-36 स्थित एवीएल सोसायटी में छठ पूर्व के अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान पूजन करते श्रद्धालु।
गुरुग्राम के सेक्टर-36 स्थित एवीएल सोसायटी में छठ पूर्व के अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान पूजन करते श्रद्धालु।

-गुरुग्राम में अनेक स्थानों पर बनाए गए घाट, उत्साह से मनाया छठ पर्व

-सामाजिक, राजनीतिक क्षेत्र के लोगों ने भी की शिरकत

गुरुग्राम, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पूर्वांचल का प्रमुख छठ पर्व गुरुग्राम में भी धूमधाम से मनाया गया। नहाय-खाय से शुरू हुआ छठ पर्व उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर यानी सूर्य देव की आराधना की। इस दौरान स्थानीय लोगों ने भी छठ पूजा में भाग लिया। छठ की तैयारियों से लेकर संपन्न होने तक छठ समितियों के साथ रहे।

मंगलवार को छठ महापर्व अंतिम दिन गुरुग्राम में धूमधाम से मनाया गया। कहीं पार्क, कहीं तालाब तो कहीं खुले में छठ घाट तैयार किये गये। उनके किनारे छठ पर्व शुरू होने से पहले ही सूपता बनाए गए थे, जिनके ईर्द-गिर्द परिवार सहित श्रद्धालुओं ने बैठकर पूजा-अर्चना की। धूप-अगरबत्ती, गन्ना और कई प्रकार के फलों से छठ मइया की पूजा-अर्चना की गई। छठ घाटों पर भगवान भास्कर की प्रतिमा भी स्थापित की गई। बच्चों की सलामती के लिए मनाया जाने वाला यह पर्व अपने आप में खास होता है। महिलाएं, पुरुष, बच्चे सज-धजकर घाटों पर पहुंचते हैं। डूबते सूर्य और उगते सूर्य को अघ्र्य देकर इस पर्व का समापन होता है। गुरुग्राम में पूर्वांचल के लाखों लोग रहते हैं। उनके यहां स्थायी आवास भी हो चुके हैं। इसलिए ज्यादातर लोग यहीं पर रहकर छठ पर्व मनाने लगे हैं। हालांकि कुछ लोग अभी भी अपने राज्य बिहार जाते हैं। यहां पूर्वांचल के लोगों द्वारा छठ पर्व को लेकर समितियां बनाई गई हैं। वे सभी तैयारियां करते हैं। छठ पर श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत ना आए, इसका विशेष ख्याल रखा जाता है। घाटों पर रोशनी से सजावट भी की गई। गुरुग्राम के कोने-कोने में पूर्वांचल के लोग रहते हैं। इसलिए अब यह पर्व जिलेभर में अनेक स्थानों पर मनाया जाने लगा है। मंगलवार को उगते सूर्य को अघ्र्य देने के लिए अलसुबह से ही श्रद्धालु घाटों पर पहुंचने शुरू हो गए थे। कहीं पर जमीन खोदकर घाट बनाए गए थे। कहीं पर पहले से ही पक्के घाट बने हैं। सोसायटियों में प्लास्टिक से बने बड़े-बड़े टब पानी से भरे गए। उनमें खड़े होकर श्रद्धालुओं ने छठ की रस्म पूरी की। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ यह पर्व समाप्त हो गया। इसके बाद सभी को छठ के खास प्रसाद का वितरण किया गया।

(Udaipur Kiran)

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